उज्जैन। 2028 में होने वाले सिंहस्थ महापर्व के आयोजन के संबंध में भोपाल में तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। सिंहस्थ को लेकर उज्जैन में होने वाले कार्यों को लेकर मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने 11 विभागों की एक साथ बैठक लेकर अधूरे कामों को जल्द ही पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं।
2028 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ महापर्व की तैयारी और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के लिए मुख्य सचिव वीरा राणा ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के कामों को लेकर 11 विभागों के साथ समीक्षा की। विभागों से कहा गया कि जिन कामों में 3 या 4 साल लगने हैं, उन्हें तुरंत वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ बैठक करके शुरू करने की तैयारी करें। वहीं वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने कहा कि विभाग जो काम अपने बजट से कर सकते हैं, उन्हें अपने बजट से कर लें, उसमें सिंहस्थ का बजट उपयोग न करें। जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, पर्यटन, संस्कृति, ऊर्जा, नगरीय विकास एवं आवास, वित्त सहित 11 विभागों के आला अफसरों के साथ मुख्य सचिव वीरा राणा ने सिंहस्थ के कामों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य फोकस ये रहा कि सिंहस्थ के जिन कामों में 3 साल या उससे अधिक समय लगना है उन्हें संबंधित विभाग जल्द शुरू करने की तैयारी करें। इसकी समीक्षा के लिए वित्त और नगरीय प्रशासन के साथ बैठक की जाये। नगरीय प्रशासन सिंहस्थ 2028 के लिए नोडल विभाग है। मुख्य सचिव ने कहा कि बजट आदि के आंकलन के बाद प्रस्ताव उनकी अध्यक्षता वाली समिति को जल्द दिए जाएं, ताकि अगले साल टेंडर आदि फाइनल करके मार्च अप्रैल तक का शुरू हो सकें। सिंहस्थ के कामों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से ही काम स्वीकृत होंगे। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने बैठक में विभागों से कहा कि कई छोटे-मोटे काम ऐसे भी हो सकते हैं जिन्हें विभाग अपने खुद के बजट से कर सकते हैं। उनके लिए सिंहस्थ के बजट पर निर्भर न रहें ताकि महाकुंभ से पहले होने वाले कामों के लिए पर्याप्त बजट बचा रहे। जैसे जल संसाधन द्वारा होने वाले घाटों का निर्माण, नगरीय प्रशासन द्वारा घाटों के पास परिवहन के साधन (इको मोबिलिटी) विकसित करने, शहर की आतंरिक सड़कों को चौड़ा करने और सिंहस्थ क्षेत्र के पहुँच मार्ग आदि। उज्जैन कलेक्टर-कमिश्नर से कहा गया कि शहर में जिन सड़कों को चौड़ा करना है उन्हें खुद देखकर प्रस्ताव भेजें। अभी कान्ह डायवर्सन का बड़ा प्रोजेक्ट ही शुरू हो सका है। इसके अलावा क्षिप्रा-कान्ह में कई बैराज बनने हैं, क्षिप्रा जल स्टोरेज पर काम होना हैं और बड़ी संख्या में एसटीपी भी बनने हैं। मेला क्षेत्र के पास सैटेलाइट टाउन का भी प्लान है। आसपास के क्षेत्र में कई बड़े हाईवे भी बनने हैं। इंदौर-उज्जैन मेट्रो का भी प्रस्ताव है। सिंहस्थ-2028 के लिए कुल 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव है। इस साल के लिए 500 करोड़ का ही बजट जारी हुआ है। इसके अलावा केंद्र से भी बजट मिला है और विभाग अपना खुद का बजट भी उपयोग करेंगे। वित्त विभाग को भी भारी भरकम बजट की व्यवस्था करनी है।
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