हर मामले में केस दर्ज हो तो अपराध का ग्राफ दोगुना तक पहुंच जाए
इंदौर। देश के साथ शहर (Indore) में भी साइबर अपराध (cyber crime) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर शहर में पुलिस के पास साइबर अपराध की रोजाना 40 से 50 शिकायतें (40 to 50 complaints ) आ रही हैं। यदि सभी मामलों में केस दर्ज हो तो शहर में अपराध का ग्राफ (Graph) दोगुना से अधिक हो जाए। इसके चलते साइबर अपराध के मामलों में केवल शिकायत ही दर्ज होती है। ऐसा नहीं है कि यह केवल इंदौर में हो रहा है, पूरे देश में पुलिस यही कर रही है।
शहर में हर साल 25 हजार के आसपास अपराध दर्ज होते हैं, लेकिन पुलिस के पास लगभग इतनी ही शिकायतें साइबर अपराध की पहुंच रही हैं। क्राइम ब्रांच के पास रोजाना साइबर अपराध की 40 से 50 शिकायतें पहुंच रही हैं। सबसे अधिक शिकायतें बैंक अधिकारी बनकर ठगी की हंै। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट, इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर शेयर और क्रिप्टो में निवेश की भी शिकायतें बढ़ रही हैं। बैंक अधिकारी बनकर ठगी के 9 मामलों में क्राइम ब्रांच ने पांच लाख रुपए वापस करवाए हैं, जबकि इस साल क्राइम ब्रांच समय रहते पुलिस के पास पहुंचने वाले लोगों के लगभग 5 करोड़ रुपए वापस करवाने में सफल रही है। हालांकि यह 10 प्रतिशत भी नहीं है। शहर में साइबर ठग इंदौरियों को 50 करोड़ से भी अधिक का चूना लगा रहे हैं।
पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी भी 10 से 15 शिकायतें क्राइम ब्रांच के पास हर माह पहुंच रही हैं। इसके अलावा साइबर सेल के पास भी आधा दर्जन डिजिटल अरेस्ट के मामले पहुंच रहे हैं। पुलिस के अधिकारी लगातार शहर में स्कूल-कॉलेजों और संस्थाओं में साइबर अपराध से बचने के लिए कार्यशाला कर रहे हैं। वहीं एडवाइजरी भी जारी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।