पटना । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (priyank kanungo) ने अभी हाल ही में बिहार मदरसा बोर्ड (Bihar Madrasa Board) पर गंभीर सवाल उठाए थे। प्रियंक कानूनगो ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि मदरसे में कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाया जा रहा है और यह भी सूचना है कि मदरसे में हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। NCPCR के अध्यक्ष द्वारा मदरसों पर सवाल उठाने के बाद अब इस पर सियासत भी तेज हो गई है। बिहार में नीतीश सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि इसकी जांच की जरुरत है तो वही कांग्रेस ने दावा किया है कि मदरसे में तो संस्कार पढ़ाया जाता है।
इस मुद्दे पर बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, ‘विभिन्न माध्यमों से ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। मैं देख रहा हूं कि बिहार के मदरसे में जो गतिविधियां चल रही हैं उसकी जांच कराने की जरुरत है। बिहार में कानून का राज है। कोई व्यक्ति अगर समाज विरोधी काम कर रहा है और राष्ट्र विरोधी काम में लगा हुआ है तो ऐसे में उन मदरसों की जांच करा कर निश्चित तौर पर उन लोगों पर कार्रवाई करने की जरुरत है।’
बीजेपी के एक प्रवक्त कुंतल कृष्ण ने कहा, ‘प्रियंक कानूनगो ने जो बात कही है वो एक गंभीर मसला है। अगर बिहार में पाकिस्तान में तैयार की गई कट्टपंथी पुस्तकें मदरसों में पढ़ाई जा रही हैं, अगर ऐसा कोई पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है तो यह तो राष्ट्रहित का मसला है। यह तो राष्ट्र की रक्षा से जुड़ा हुआ मसला है।
इधर इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा, ‘मदरसा हो या विद्यालय हो या संस्कृत विद्यालय हो। इसमें जरूर अपने धर्मों के बारे में पढ़ाया जाता है। संस्कार के बारे में पढ़ाया जाता है। सत्य और अहिंसा के बारे में पढ़ाया जाता है। धर्म और अधर्म के बारे में पढ़ाया जाता है। ना मदरसा में ना वेद विद्यालय में कही भी क्रूरता या हिंसा की बात नहीं पढ़ाई जाती है।’
वही इस मसले पर राजद की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि मदरसा का नाम उठा कर पापों से मुक्ति प्राप्त कर लेंगे तो आप यह भूल जाते हैं कि यह बात हम पहले से भी कहते आ रहा हें कि बीजेपी इस देश में आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। मदरसा में पढ़ाई हो रही है तो आपको पेट फट रहा है। आप मध्य प्रदेश में क्या कर रहे हैं? हम किसी धर्म के संस्थान पर कभी हमला नहीं करते हैं। हां, अगर कोई गैर कानूनी बात सामने आती है तो हम इसपर स्पष्ट तौर से अपनी बात सामने रखते हैं।
बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं,इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है।
इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है परंतु बिहार सरकार संख्या अनुपात की अधिकारिक… pic.twitter.com/vjySGSjxrQ— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 18, 2024
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर लिखा था, ‘बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं। इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है परंतु बिहार सरकार संख्या अनुपात की अधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है।’
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