नई दिल्ली: करीब पांच साल पहले की ही बात है. 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद अजय सिंह चौटाला (Ajay Singh Chautala) की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) किंग मेकर बनकर उभरी थी. चुनाव में 10 सीटे जीतने वाली जेजेपी ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के साथ गठबंधन करके सरकार बना लिया था और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बन गए थे. पर अब पार्टी बिखरती दिख रही है. कुछ ही दिनों में 10 विधायकों वाली पार्टी के पास अब सिर्फ पांच विधायक बचे हैं.
जेजेपी छोड़ने वालों में उकलाना से विधायक अनूप धानक (MLA Anoop Dhanak), टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद से विधायक रामकरण काला, गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह और बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग शामिल हैं. इनमें से देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह और रामकरण काला के कांग्रेस में जाने की चर्चा हैं, जबकि अनूप धानक और जोगीराम सिहाग बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. जो विधायक पार्टी में हैं, उनमें से भी दो नाराज़ बताए जा रहे हैं. विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला विधायकों के छोड़ कर जाने को हल्के में लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. अजय चौटाला ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. चुनावी मौसम में हर बार ऐसा ही होता है और नेता एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कौन हमारा साथ छोड़ कर जा रहा है, हमें इसकी परवाह नहीं है. लोकसभा चुनाव के पहले तक जेजेपी के पास 10 विधायक थे. पर चुनाव की सुगबुगाहट और चारीखों के ऐलान के बीच पांच विकेट गिर गए. फिलहाल जेजेपी के साथ उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला, बाढरा से विधायक उनकी मां नैना चौटाला और जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा ही हैं.
2019 में जब बीजेपी-जेजेपी की सरकार बनी थी तब जेजेपी के कोटे से अनूप धानक श्रम और रोजगार राज्यमंत्री और देवेंद्र बबली पंचायत मंत्री बनाए गए थे. पर इसी साल मार्च में गठबंधन टूट गया. जेजेपी सरकार से अलग होती ही बीजेपी पर बरसने लगी. पार्टी से इस्तीफा देने वाले नाराज विधायक कैमरे के सामने कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं और ना ही अपनी आगे की रणनीति बता रहे हैं. टोहाना से विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ने इतना जरूर कहा कि वो आगे किस पार्टी में जाएंगे और आगे उनकी रणनीति क्या रहेगी, ये सब कुछ जनता तय करेगी.
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