भोपाल: मध्य प्रदेश में मोहन सरकार (Mohan Government in Madhya Pradesh) की तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार (Draft transfer policy is ready) हो गया है. मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले मिलने के एक हफ्ते बाद ही तबादला नीति तैयार हो गई है. अब मध्य प्रदेश में 15 दिन के लिए तबादलों पर से बैन हटाया जाएगा, जिसके बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर मिल सकेंगे. हालांकि ट्रांसफर विभागीय मंत्री और जिलों के भीतर प्रभारी मंत्री के अप्रूवल के बाद ही होगा. क्योंकि मोहन सरकार की तबादला नीति के ड्रॉफ्ट में यह प्रावधान किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एमपी सरकार की तबादला नीति के ड्राफ्ट को 20 अगस्त को होने वाली मोहन कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल जाएगी. जिसके बाद तबादलों पर से लगी रोक हट जाएगी और ट्रांसफर शुरू होंगे. बता दें कि लंबे समय से अधिकारी और कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी आने का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि 2023 में आखिरी बार ट्रांसफर हुए थे. जिसके बाद नई सरकार के गठन से लेकर अब तक ट्रांसफरों पर रोक लगी थी.
माना जा रहा है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 20 अगस्त से 5 सितंबर के बीच अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर मध्य प्रदेश में शुरू हो जाएंगे. जहां अधिकारी अपने नजदीकी जिलों में पोस्टिंग मांग सकते हैं. माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के ट्रांसफर पर भी मंजूरी मिल जाएगी. जिसके बाद इन कर्मचारियों के भी ट्रांसफर हो सकेंगे. हालांकि तबादला नीति में शिक्षा विभाग का ड्राफ्ट शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में फिलहाल शिक्षकों को ट्रांसफर नहीं मिलेंगे.
मोहन सरकार के गठन के करीब 8 महीने बाद मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले दिए गए हैं, ऐसे में जैसे ही जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्तियां हुई तो ट्रांसफर पॉलिसी भी तैयार हो गई. बता दें कि प्रभारी मंत्रियों के अप्रूवल के आधार पर ही अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर हो सकेंगे. जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, विभागाध्यक्ष और क्लास वन अधिकारियों के तबादले सीएम मोहन यादव की सहमति के आधार पर ही होंगे. इसके अलावा ट्रांसफर पॉलिसी में इस बार कुछ खास बदलाव भी किए गए हैं. जिन्हें ध्यान में रखकर ही अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर होंगे.
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