नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) के खिलाफ MUDA मामले में जांच के आदेश के बाद कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता और विधायक राज्यपाल थावरचंद गहलोत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आलम ये है कि पार्टी के एक एमएलसी ने यहां तक चेतावनी दे दी कि अगर राज्यपाल अपना आदेश वापस नहीं लेते हैं तो उन्हें शेख हसीना की तरह, कर्नाटक से भागना पड़ेगा.
कांग्रेस एमएलएसी इवान डिसूजा ने बांग्लादेश का हवाला दिया, “जहां पीएम शेख हसीना को अपना पद और देश छोड़ना पड़ा. उन्होंने ऐलान किया कि वे अगली बार विरोध प्रदर्शन के लिए सीधे गवर्नर ऑफिस जाएंगे. ठीक वैसे ही जैसे बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी पीएम हाउस में प्रवेश कर गए और पीएम को अपना घर, पद और देश छोड़ना पड़ गया.
दरअसल, राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें जमीन की हेराफेरी का कुछ मामला है. कांग्रेस एमएलसी ने कहा, “अगर राज्यपाल ने अपना आदेश वापस नहीं लिया या राष्ट्रपति ने उन्हें वापस लेने के लिए नहीं कहा, तो बांग्लादेश जैसा ही हश्र होगा जहां प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा, और यहां कर्नाटक में राज्यपाल को भागना पड़ेगा”, और ये कि, “अगला विरोध राज्यपाल कार्यालय चलो है.”
MUDA (मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) मामले में आरोप है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके अंडरडेवलप्ड यानी अविकसित लैंड-पीस के बदले 14 लैंड-पीस आवंटित किए गए थे, जिसे अथॉरिटी ने अधिग्रहित किया था. इस विवाद में सीएम पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है. दावा किया जा रहा है कि यह कथित घोटाला 4000-5000 करोड़ का है.
सिद्धारमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दिए गए जांच के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. एक रिट याचिका में, उन्होंने जांच के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह निर्णय राजनीति से प्रेरित और अन्यायपूर्ण हैं. उन्होंने अपनी बेगुनाही पर जोर दिया और कहा कि उनके 40 साल के राजनीतिक करियर में भ्रष्टाचार का कोई इतिहास नहीं है.
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