नई दिल्ली. कोलकाता (Kolkata) रेप और हत्याकांड को लेकर ममता सरकार (Mamata government) ना केवल विपक्ष (Opposition) के निशाने पर बल्कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अंदर से भी राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठ रही है. पार्टी के ही राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) सुखेंदु शेखर रे (Sukhendu Shekhar Ray) ने दो दिन पहले ही ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उन्होंने प्रिंसिपल संदीप घोष (Principal Sandip Ghosh) को हटाने में देरी क्यों की. अब उन्होंने पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल पर सवाल उठाए हैं.
एक्स पर लिखे पोस्ट में सुखेंदु शेखर ने लिखा, ‘सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए. पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई. हॉल की दीवार क्यों गिराई गई, संजय रॉय (मुख्य आरोपी) को इतना शक्तिशाली बनाने के लिए किसने संरक्षण दिया? 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया? ऐसे सैकड़ों सवाल हैं. उन्हें बोलने के लिए मजबूर करें.’
CBI must act fairly . Custodial interrogation of Ex Principal and Police Commissioner is a must to know who and why floated suicide story.Why wall of hall demolished, who patronised Roy to be so powerful, Why sniffer dog used after 3 days.100s of such questions. Make them speak
— Sukhendu Sekhar Ray (@Sukhendusekhar) August 17, 2024
लगातार बोल रहे हैं सुखेंदु शेखर
उन्होंने अपनी एक अन्य पोस्ट में लिखा कि सभी अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों, स्कूलों और कॉलेजों में छात्राओं, बलात्कार पीड़ितों के आश्रयगृहों में रहने वालों, कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक कठोर व्यापक केंद्रीय अधिनियम जरूरी है. इस संबंध में शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने के लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है. सुखेंदु शेखर ने इस घटना के बाद से ही लगातार मुखर होकर बोल रहे हैं. उन्होंने घटना के तुरंत बाद कहा था कि इस घटना ने इस बात को गलत ठहरा दिया है कि कोलकाता महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर है.
इतना ही नहीं उन्होंने 14 अगस्त को डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए लिखा था, ‘मैं प्रदर्शनकारियों में शामिल होने जा रहा हूं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह मेरी भी एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस अवसर पर साथ देना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो गई है. आइए हम सब मिलकर इसका विरोध करें. चाहे कुछ भी हो जाए.दरिंदों को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? जो भी इस अपराध के लिए जिम्मेदार है, उसे फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.’
संदीप घोष पर लगातार उठ रहे हैं सवाल
आपको बता दें कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जिस प्रिंसिपल संदीप घोष पर सुखेंदु शेखर ने सवाल उठाए हैं, उन पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. सीबीआई की टीम संदीप घोष से कई घंटे तक लगातार पूछताछ कर चुकी है. इससे पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने भी संदीप घोष को कड़ी फटकार लगाई थी. मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक अख्तर अली ने संदीप घोष पर कई विस्फोटक आरोप लगाए हैं.
अख्तर अली ने कहा, ‘संदीप घोष से गंदा आदमी मैंने अपने जीवन में नहीं देखा है. बहुत ही करप्टेड आदमी है. स्टूडेंट को फेल करना, हर चीज में 20% कमीशन लेना. मतलब आरजी कर में जो भी काम होता था पोस्टिंग हो, हाउस स्टाफ शिफ्ट हो, हर जगह वह पैसा खाता था.कई छात्रों को शराब पिलाता था.’ अख्तर अली ने कहा कि संदीप घोष ने माफिया राज फैला रखा था. उसकी सिक्योरिटी के लिए 20 आदमी रहते थे. मैंने फिल्म स्टार को बाउंसर लेकर चलते हुए देखा है लेकिन किसी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को अपने जिंदगी में नहीं देखा. वह बहुत पावरफुल है. मैंने साल 2023 में उसके खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ.
डॉक्टर के साथ अस्पताल में हुई थी हैवानियत
आपको बता दें कि 8-9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई थी. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टरका 8-9 अगस्त की रात कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया. वह बेहोशी की हालत में सेमिनार हॉल में मिली था. उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे.
इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है, जिसे पुलिस ने पीड़िता के परिवार को सौंपा था. इस रिपोर्ट में हत्या से पहले की प्रकृति और सेक्सुअल पेनेट्रेशन की बात की कही गई. बताया गया कि पीड़िता की हत्या गला घोंटकर हुई थी. उससे पहले उसके साथ बलात्कार हुआ था. आरोपी ने 2 बार उसका गला घोंटा था. उसकी मौत सुबह 3 से 5 बजे के बीच हुई थी.
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