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इंदौर में बाहुबली बनने चला था, प्रशासन ने सारे कारनामे खोले

August 17, 2024

  • तहसीलदार-पटवारी पर गोली चलाने वाले ने आदिवासियों की जमीन भी नोटरी पर बेची
  • कलेक्टर के समक्ष कई डरे आवेदक पहुंचे

इन्दौर। अरबिंदो अस्पताल (Aurobindo Hospital) की जमीन (land) से कब्जा हटाने पहुंचे तहसीलदार (Tehsildar) और पटवारियों (Patwaris) पर गोलियां चलाए जाने के बाद प्रशासन (Administration) ने सुरेश पटेल (suresh patel) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उक्त व्यक्ति ने आदिवासियों की जमीन को अपनी बताकर जहां नोटरी पर बेच दिया, वहीं ग्रामीण क्षेत्र की कई जमीनों पर भी कब्जा जमा रखा है। जिन तहसीलदार और पटवारी पर अचानक गोलियों की बारिश हुई, वे जान बचाकर तो भाग निकले, लेकिन अब भी डरे-सहमे हैं।



प्रशासन के अमले पर गोलियां बरसाने वाले सुरेश पटेल ने न केवल अरबिंदो अस्पताल की जमीन पर कब्जा जमा रखा है, बल्कि इस मामले के उजागर होने के बाद कई आवेदक भी सामने आ रहे हैं। कल कलेक्टर आशीषसिंह के समक्ष उक्त क्षेत्र में निवासरत जैन परिवार आवेदन लेकर पहुंचा। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति ने उनके साथ धोखाधड़ी करते हुए 20 साल पहले जमीन का सौदा किया था, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। एसडीएम की जांच में मामला आदिवासियों के पट्टे की जमीन बेचने का सामने आया है। पांच पट्टे आदिवासियों के नाम से दर्ज हैं, जिन पर बेचवाली की गई है। अब प्रशासन के समक्ष डरे आवेदक पहुंच रहे हैं, जिसके बाद अन्य जमीनों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

घबराए पटवारी ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
लंबे समय से बीमार चल रहे पटवारी ने पूर्व में ही नौकरी छोडऩे का मन बना लिया था, लेकिन गोलीकांड की घटना के बाद प्रशासन का पूरा महकमा डरा-सहमा हुआ है। इस घटना के बाद उनका मनोबल गिरने लगा है। घबराए हुए पटवारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग जल्द पूरी किए जाने की गुजारिश की है। हालांकि प्रशासन ने राजस्व अभियान के चलते उन्हें एक महीने और काम करने के लिए कहा है। ज्ञात हो कि उक्त कार्रवाई के दौरान तहसीलदार शेवालसिंह के साथ जितेंद्र वर्मा, प्रदीप चौैहान भी मौजूद थे, जो लंबे समय से हार्ट पेशेंट और उच्च रक्तचाप के मरीज हैं।

लंबे समय से मिलीभगत की आशंका
अब प्रशासन सुरेश पटेल को अतिक्रमणकारी बताकर रिकार्ड खंगाल रहा है। सांवेर तहसील के अंतर्गत आने वाले आसपास के अधिकांश गांवों की जमीन पर पटेल के कब्जे की जानकारी लगी है। मंदिर की भूूमि के साथ ही पटेल ने आदिवासियों की जमीन को भी नोटरी पर बेच दिया है। सरकारी महकमे को पूर्व में ही इसकी जानकारी होने की आशंका भी जताई जा रही है। अब एसडीएम से लेकर पटवारी तक की मिलीभगत की संभावना पर भी जांच की जा रही है। बताया जाता है कि राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते उक्त व्यक्ति पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन अब उसने खुद अपने हाथों अपनी कब्र खोद ली।

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