नई दिल्ली । अप्रैल के बाद अब इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण(Second solar eclipse) अक्टूबर में लगने वाला है। इस दिन श्राद्धपक्ष का समापन(End of Shraddhapaksha) हो रहे है और सर्वपितृ अमावस्या(Sarvapitra Amavasya) पर यह ग्रहण(eclipse) लने वाला है। अप्रैल का सूर्य ग्रहण अमेरिका के लिए यादगार रहा, क्योंकि लाखों लोगों ने इस अद्भूद दृश्य को देखा। अब अगला सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जब सूर्य एक समय पर रिंग ऑफ फायर की तरह लगेगा। यह ग्रहण साउथ अमेरिका, पैसेफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका में देखने को मिलेगा। रिंग ऑफ फायर अर्जेंटीना और चिली में देखने को मिलेगा।हिन्दू पंचांग के अनुसार जानें तो यह ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगेगा। यह श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है और इस दिन पितरों में भूले बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध मनाया जाता है। ज्यादातर सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि तब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है।
सूतक काल और श्राद्ध पर कंफ्यूजन
श्राद्ध पक्ष में ग्रहण लगने के कारण कुछ लोग कंफ्यूज हो रहे हैं कि क्या इस दिन श्राद्ध कर्म होगा। अगर आप भी ऐसा लग रहा है, तो आपको बता दें कि यहग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भारत में नहीं माना जाएगा। इसलिए धार्मिक दृष्टि से इस ग्रहण की मान्यता नहीं है। इसलिए पितृपक्ष अमावस्या पर जैसे तर्पण आप करते आए हैं, वैसे कर सकते हैं। इसके अलावा अगले दिन नवरात्रि की तैयारी को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं है। इस दिन दोनों कार्य किए जा सकते हैं।
क्या है सूर्य ग्रहण
पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं। चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है। इसे सूर्यग्रहण कहते हैं।
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