मुंबई । कुछ दिन पहले बहन सुप्रिया सुले (supriya sule)के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election to Sunetra Pawar)में उतारने को अपनी भूल बताने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar)लगातार ऐसे बयान (Statement)दे रहे हैं, जिससे सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। गुरूवार को अजित पवार ने मराठा कोटा मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की वकालत की है। तीन दिन पहले उनके चाचा और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी इसी तरह इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही थी।
अजित पवार ने अपनी ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि विपक्षी दलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे भी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत कोटा चाहते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोटा मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन विपक्ष दूर रहा। मुझे नहीं पता कि बहिष्कार जानबूझकर किया गया था।’’
अजित पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उनके और उनके चाचा शरद पवार के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है क्योंकि वे अपना-अपना चुनाव अभियान चला रहे हैं। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने चाचा पवार के इंडिया गठबंधन की जाति जनगणना की मांग का भी समर्थन किया और कहा कि एकबार यह हो ही जाना चाहिए। इससे झंझट ही खत्म हो जाएगा। बता दें कि जिस गठबंधन में अजित पवार हैं यानी महायुति, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी साझेदार पार्टी है, जाति जनगणना का विरोध करती रही है लेकिन अजित पवार ने उसका समर्थन कर दिया है।
लोकसभा चुनाव के बाद से ही अजित पवार संघ के निशाने पर रहे हैं। संघ की तरफ से कहा जा चुका है कि अजित पवार के साथ गठबंधन करने की वजह से ही लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा है। माना जा रहा है कि तब से अजित पवार की पार्टी महायुति गठबंधन में हाशिए पर चली गई है। हालांकि, अजित पवार इससे इनकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि महायुति के तीनों घटक दल मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और फिर से राज्य में सरकार बनाएंगे। 20 अगस्त से महायुति की संयुक्त रैली भी होने जा रही है। दूसरी तरफ सीटों के बंटवारे समेत अन्य मुद्दों पर पवार और सीएम शिंदे के बीच दरार भी बढ़ती जा रही है। इन सबको देखते हुए इस बात की भी चर्चा है कि अजित पवार एनसीपी में चाचा के नेत-त्व में घर वापसी कर सकते हैं।
बहरहाल, अजित पवार को उम्मीद है कि उनके द्वारा बजट में शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना’ से आगामी विधान सभा चुनावों में उन्हें और महायुति को लाभ मिलेगा। योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसे 17 अगस्त को बालेवाड़ी में एक कार्यक्रम में शुरू किया जाएगा और इसके लाभार्थियों को जुलाई और अगस्त के लिए पैसा मिलेगा। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की सहायता मिलेगी बशर्ते उनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो। इस योजना की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल होंगे।
इसे सरकारी खजाने पर बोझ डालने वाला चुनावी हथकंडा बताने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्होंने 10 बजट पेश किए हैं और उन्हें वित्त के बारे में जानकारी है। संसाधन जुटाने के मुद्दे पर अजित पवार ने कहा कि देश के जीएसटी संग्रह में महाराष्ट्र का हिस्सा 16 प्रतिशत है, जिसमें से 50 प्रतिशत राज्य को वापस मिल जाता है।
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