नई दिल्ली । झारखण्ड (Jharkhand) के सिमडेगा जिले (Simdega district) में बुधवार शाम को हुई एक दर्दनाक घटना में हॉकी प्रतियोगिता (Hockey Competition) के दौरान आसमानी बिजली (lightning) गिरने से पेड़ के नीचे खड़े तीन खिलाड़ियों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब गांव के स्कूल मैदान में हॉकी प्रतियोगिता का सेमीफाइनल मैच खेला जाना था, और उसे देखने के लिए सैकड़ों लोग वहां पहुंचे थे। इसी दौरान बिजली गिर गई।
यह घटना कोलेबिरा की टुटीकेल पंचायत स्थित झपला गांव में हुई। मृतकों की पहचान टुटीकेल गांव निवासी 22 वर्षीय एनोस बुढ़, 30 वर्षीय सेनन डांग और निर्मल होरो के रूप में हुई है। हादसे के बाद सभी घायलों को कोलेबिरा अस्पताल लाया गया, जहां सभी का इलाज चल रहा है।
कटहल के पेड़ के नीचे खड़े थे तीनों युवक
प्राप्त जानकारी के मुताबिक झपला गांव में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हॉकी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। बुधवार शाम को जिसका सेमीफाइनल मैच खेला जाना था। मैच के लिए चारों टीमों के खिलाड़ी मैदान में पहुंच चुके थे। इसी बीच अचानक बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए कुछ खिलाड़ी और ग्रामीण मैदान के बगल में ही स्थित कटहल के पेड़ की ओट में छिप गए। तभी वज्रपात हो गया और पेड़ के नीचे तीन हॉकी खिलाड़ियों की मौत हो गई। साथ ही पांच ग्रामीण भी घायल हो गए।
बिजली गिरने के बाद मैदान में मची अफरा-तफरी
बिजली गिरने के बाद मैदान में अफरा-तफरी मच गई थी। गांव की मुखिया सुशीला डांग ने वज्रपात से तीन युवाओं की हुई मौत की सूचना तुरंत पुलिस एवं प्रखंड प्रशासन को दी। जिसके बाद पुलिस और मेडिकल की टीम घटनास्थल पहुंची और सभी घायलों को इलाज के लिए कोलेबिरा स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई। घायलों में रैसिया पंचायत निवासी क्लेमेंट बागे, जिलेश बागे, सलीम बागे, पैत्रिक बागे और टुटीकेल गांव निवासी पतरस डांग शामिल है। इधर MOIC डॉक्टर केके शर्मा ने बताया कि सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है।
अस्पताल में मच गई थी चीख पुकार
घटना के बाद स्कूल मैदान परिसर और अस्पताल दोनों जगहों में चीख पुकार मच गई। बारिश के कारण इधर-उधर दुबके ग्रामीणों और खिलाड़ियों को जब पता चला कि बिजली की चपेट में आकर उनके तीन साथियों की मौत हो गई है, तो गांव में हाहाकार मच गया। इधर जब घायलों एवं मृतकों को अस्पताल लेकर आया गया तो सभी के परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां उनका रो रोकर बुरा हाल था। इधर पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने भी इस घटना को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल मदद के रुप में मुआवजा देने की भी मांग की।
तड़ित चालक होता तो शायद नहीं होती दुर्घटना
झपला गांव के खेल मैदान में वज्रपात के कारण तीन युवाओं की मौत के बाद एक बार फिर सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाने की मांग शुरू हो गई है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्कूल में तड़ित चालक लगा होता तो शायद दुर्घटना नहीं होती। बता दें कि जिले के 392 स्कूलों में लगे तड़ित चालकों में से ज्यादातर या तो खराब हैं या फिर चोरी हो चुके हैं।
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