लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization.-WHO) ने कांगो और अफ्रीका (Congo and Africa) के अन्य हिस्सों में मंकीपॉक्स प्रकोप (Monkeypox outbreak) को स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक आपातस्थिति घोषित (Global health emergency declared) कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने यह घोषणा इसलिए की है क्योंकि एक दर्जन से अधिक देशों में बच्चों और वयस्कों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है और वायरस का एक नया स्वरूप फैल रहा है तथा महाद्वीप में टीके की खुराकें बहुत कम उपलब्ध हैं।
इस सप्ताह के प्रारम्भ में ‘अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ ने घोषणा की थी कि मंकीपॉक्स प्रकोप एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है, जिसमें 500 से अधिक मौतें हुई हैं। उसने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद का आह्वान किया था। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिससे हम सभी को चिंतित होना चाहिए…अफ्रीका और उसके बाहर इसके फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है।’
खबर है कि कॉन्गो में मंकीपॉक्स का फैलना एक एन्डेमिक स्ट्रेन के फैलने के साथ शुरू हुआ, जिसे क्लेड I कहा जाता है। हालांकि, इसका नया वेरिएंड क्लेड Ib करीब संपर्क से और ज्यादा आसानी से फैलता नजर आ रहा है। मंकी पॉक्स नजदीकी संपर्क से फैल सकता है। आमतौर पर यह हल्का होता है, लेकिन कई दुर्लभ मामलों में यह घातक भी हो सकता है। इसका शिकार होने पर फ्लू जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कॉन्गो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत कई पड़ोसी देशों में फैल चुका है। टेड्रोस ने कहा, ‘पूर्वी डीआरसी में मंकी पॉक्स के नए क्लेड का तेजी से फैलना और पहचान होना, ऐसे पड़ोसी देशों में इसका मिलना जहां पहले कभी इसके मरीज न मिले हों और अफ्रीका और आगे इसके फैलने की आशंका चिंता बढ़ाने वाली हैं।’
उन्होंने बुधवार को जानकारी दी है कि WHO ने 1.5 मिलियन डॉलर का फंड जारी कर दिया और आने वाले समय पर और फंड जारी करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, WHO के रिस्पॉन्स प्लान के लिए शुरुआती 15 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी और एजेंसी दानदाताओं से फंडिंग के लिए अपील कर रही है।
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