नई दिल्ली । भाजपा (BJP)के राष्ट्रीय पदाधिकारियों (National Office Bearers)की शनिवार को होने वाली विस्तारित बैठक(Extended meeting) में सदस्यता अभियान (Membership Campaign)और उसके बाद होने वाले संगठनात्मक चुनावों(Organizational elections) को लेकर भावी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में आगामी चार राज्यों में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी पर भी चर्चा होगी। संगठनात्मक नेतृत्व पर तो बात नहीं होगी, पर केंद्रीय नेतृत्व बैठक के अंत में इससे जुड़ी बड़ी घोषणा कर सकता है।
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की यह पहली बैठक है। इसमें सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, राज्यों के अध्यक्ष, संगठन मंत्री और राज्यों के प्रभारी व सह प्रभारी हिस्सा लेंगे। एक दिवसीय बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह के भी हिस्सा लेने की संभावना है।
बैठक का मुख्य विषय संगठनात्मक होगा, जिसमें सदस्यता अभियान के अलावा मंडल से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव शामिल है। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग छह महीने लगेंगे। इस बीच चार राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने हैं। बैठक में इन राज्यों के अध्यक्ष व संगठन मंत्रियों के साथ अलग से भी चर्चा हो सकती है। बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें लोकसभा चुनाव के बाद की राजनीतिक स्थितियों पर राज्यों की राजनीतिक रिपोर्टिंग भी होगी।
अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हो सकता है फैसला
पार्टी में इस वक्त संगठन में बड़े बदलावों की भी चर्चा है। कुछ राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति भी हुई है। हालांकि, अधिकांश बदलाव संगठन चुनाव के बाद होने हैं। सूत्रों के अनुसार, हाल में भाजपा और आरएसएस नेतृत्व के बीच उच्च स्तर की बैठक में भी भावी रणनीति पर चर्चा हुई थी। इसके बाद संघ की समन्वय बैठक भी 31 अगस्त से दो सितंबर तक केरल के पलक्कड़ में होनी है। भाजपा में सबसे बड़ा फैसला नए अध्यक्ष या संगठन चुनावों तक कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर होना है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में इस बारे में भी कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है।
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