डेस्क: केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश किया, जिसके बाद से ही देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के जिलाधिकारी का तबादला इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने बीजामंडल विवाद से निपटने में कानून का पालन किया. उन्होंने तबादले के इस फैसले को वक्फ संशोधन बिल का खतरा बताया.
ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश में संघ से जुड़े संगठनों ने मांग की कि उन्हें मस्जिद में उपासना करने की अनुमति दी जानी चाहिए. जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में संरचना को मस्जिद बताया गया है और अनुमति देने से इनकार कर दिया. ओवैसी ने कहा कि सिर्फ इसीलिए जिलाधिकारी का तबादला कर दिया गया क्योंकि उन्होंने कानून का पालन किया. यही है वक्फ संशोधन बिल का खतरा.’
उन्होंने आगे अपनी पोस्ट में कहा, ‘अगर कोई कहता है कि मस्जिद मस्जिद नहीं है, कलेक्टर को भीड़ की मांगों का पालन करना होगा या उसे ट्रांसफर कर दिया जाएगा. सबूत की कोई भी मात्रा पर्याप्त नहीं होगी.’
दरअसल, इसी बीच शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कई आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया, जिसमें विदिशा के जिलाधिकारी बुद्धेश कुमार वैद्य भी शामिल हैं. ओवैसी ने बुद्धेश कुमार के तबादले को लेकर सरकार के फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने इसे वक्फ संशोधन बिल से जोड दिया. कुछ दिनों पहले हिंदुओं के एक समूह ने हाल ही में जिलाधिकारी वैद्य को एक ज्ञापन दिया था.
उसमें नागपंचमी त्योहार के अवसर पर पूजा-अर्चना के लिए 11वीं शताब्दी के बीजामंडल स्थल को खोलने का अनुरोध किया था. इस अर्जी को जिलाधिकारी ने ASI के पास भेज दिया, जिसके बाद एअसआई ने 2 अगस्त 1951 के राजपत्र अधिसूचना का हवाला देते हुए बताया कि बीजामंडल एक मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है. इसके बाद जिलाधिकारी ने बीजामंडल में पूजा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
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