• img-fluid

    बिहार : पंचायत का फरमान- दो हजार लो, गैंगरेप भूल जाओ, पुलिस की लापरवाही

  • August 13, 2024

    दरभंगा। दरभंगा (darbhanga) के एक गांव में 13 साल की एक नाबालिग लड़की ( नाबालिग लड़की) के साथ गांव के ही कुछ लडकों ने गैंगरेप किया। यह घटना तीन अगस्त की है। पीड़िता की मां ने जब इस बात की शिकायत आरोपियों (The accused) और गांव के लोगों से की तो गांव में दबंग लोगों ने पंचायत (Panchayat)  की। पंचायत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता 2000 हजार रुपया (2000 thousand rupees) लेकर मामला यहीं खत्म करे। तब पीड़िता की मां ने थाना में आवेदन देकर चार लोगों नामजद आरोपी बनाया है।


    घटना के चार दिन बाद हुआ मामला दर्ज
    थाना में दिए आवेदन में पीड़िता की मां ने कहा कि घटना की रात मो नदीम सहित चार लोगों ने मेरी बेटी जबरन घर से उठाकर ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करते रहे और तीन दिनों तक मेरी पुत्री को बंधक बनाए रखा। इस घटना की सूचना थाना को भी देने के वावजूद पुलिस ने इस मामले की अनदेखी कर दी किसी तरीके से जब तीन दिनों बाद आरोपियो की चंगुल मेरी बेटी मुक्त हुई तो उसे स्थानीय पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। वहां इलाज करने वाले डॉक्टर बसन्त कुमार झा ने पहले घटना का सीडीटीवी फुटेज दिखाने को कहा। इस बात को परिजन और डॉक्टर के बीच नोक झोंक होने लगी इसके बाद नींद से तीन दिनों बाद जागी बड़गांव थाना की पुलिस ने पीड़िता को आनन फानन में इलाज के लिए डीएमसीएच में भर्ती करवाया है।

    पुलिस और डॉक्टर की लापरवाही भी आई सामने
    इस फैसले से असंतुष्ट पीड़िता अपनी मां के साथ महिला थाना पहुंची लेकिन उस दिन पुलिस ने दोनों मां -बेटी को थाना से लौटा दिया। तब परिजनों ने 7अगस्त को बड़गांव थाना में मो नदीम सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अब यह घटना इस इलाके के लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यह घटना 3 अगस्त की है, जबकि इसके लिए 4 अगस्त को पंचायत बुलाई गई। उसके बाद पंचायत के गलत निर्णय के बाद 7 अगस्त को चार लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई। फिर पुलिस ने लापरवाही करते हुए 9 अगस्त को पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए डीएमसीएच भेजा, जहां डॉक्टर की मनमानी के कारण मेडिकल जांच में चार दिन लगने के बाद 12 अगस्त को पीड़िता का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया गया।

    अब मिल रही है धमकी
    पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि आरोपित काफी रसूखदार हैं। वे हम लोगों पर लड़की का बयान बदलवाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वे लोग अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहे हैं। वहीं, गांव के लोग इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक कुमार ने कहा कि पीड़िता का प्राथमिक उपचार कराने के बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गयी है।

    एसएसपी ने माना पुलिस ने की है लापरवाही
    इस संबंध में थानाध्यक्ष कल्पना कुमारी ने बताया कि पीड़िता की मां के आवेदन पर मो नदीम सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। वही पीड़िता का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है। वहीं एसएसपी जगुनाथ रेड्डीका कहना है कि यह मामला में संज्ञान में नही था। पीड़िता के अल्ट्रासाउंडमें हुई देरी के लिए जमालपुर थाने की पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इस मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।

    Share:

    पतंजलि 'भ्रामक विज्ञापन' मामले में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, बंद किया मानहानि का केस

    Tue Aug 13 , 2024
    नई दिल्ली. पतंजलि (Patanjali) ‘भ्रामक विज्ञापन केस’ (misleading advertisement case) में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत (big relief) मिली है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में मानहानि (defamation) का केस बंद (case closed) कर दिया है. दरअसल, पतंजलि के उत्पादों के बारे में […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved