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    जापान में महाभूकंप की आहट, पहली बार जारी हुआ ‘मेगाक्वेक अलर्ट’

  • August 12, 2024

    नई दिल्ली: बीते दिनों दक्षिणी जापान (Southern Japan) के मियाजाकी प्रान्त (Miyazaki Prefecture) में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप में कम से कम 16 लोग घायल हो गए और 50 सेंटीमीटर तक ऊंची सुनामी की छोटी लहरें बनने लगीं, जो लगभग आधे घंटे बाद जापान के तट तक पहुंच गईं. इस घटना के बाद जापान मेटियोरोलिजकल एजेंसी (JMA) ने पहली बार ‘मेगाक्वेक अलर्ट’ जारी किया. इतिहास में यह पहला मौका है जब जापान में इस तरह की एडवाइजरी जारी की गई.

    मियाजाकी भूकंप का केंद्र या हाइपोसेंटर समुद्र तट से दूर और लगभग 25 किलोमीटर अंडरग्राउंड समुद्री गर्त ‘नानकाई ट्रफ’ के पास था. ट्रफ के नीचे एक बड़ा फॉल्ट जोन है. एक्सपर्ट्स टेंशन में हैं क्योंकि उन्हें शक है कि मियाजाकी भूकंप से इसकी चाल-ढंग बदल गई होगी. अगर ऐसा हुआ तो 8 या इससे भी ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने का खतरा है. जापानी सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस तरह के भूकंप से सैकड़ों-हजारों लोग मारे जा सकते हैं. जेएमए ने मेगाक्वेक अलर्ट जारी करने के साथ एडवाइजरी देते हुए कहा कि सामान्य हालात में आने वाले भूकंप की तुलना में एक बड़े पैमाने पर आने वाले ‘महाभूकंप’ की संभावना ज्यादा है.

    मेगाक्वेक अलर्ट के लगभग एक हफ्ते तक प्रभावी रहने की उम्मीद है. हालांकि एजेंसी ने दक्षिणी जापान के निवासियों को सलाह दी है कि वे एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी सतर्क और तैयार रहें. रिक्टर पैमाने पर 8 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंपों को मेगाक्वेक के रूप में क्लासिफाई किया जाता है. इतनी तीव्रता का भूकंप बेहद विनाशकारी हो सकता है. ये भूकंप हर सौ साल में एक बार आता है, जिसके लिए जापान में ‘मेगाक्वेक अलर्ट’ जारी किया गया है.


    जापान में लोगों को सदी के सबसे विध्वंसक भूकंप यानी ‘महाभूकंप’ के लिए अलर्ट किया गया है. सबसे खराब स्थिति में 3,00,000 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है. इसके अलावा पूर्वी एशियाई देश के प्रशांत तट पर 30 मीटर (100 फीट) ऊंची समुद्री लहर उठने की आशंका है. जेएमए के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में टोक्यो यूनिवर्सिटी के भूकंप विज्ञानी नाओशी हिराता ने कहा कि अगले एक हफ्ते में इस क्षेत्र में बड़े भूकंप आने की संभावना कई सौ बार में से एक है. उन्होंने यह भी कहा कि अगले 30 सालों के भीतर नानकाई ट्रफ में 8 या 9 तीव्रता का भूकंप आने की संभावना 70 से 80 फीसदी है.

    जापान में भूकंप आना कोई नई बात नहीं है, और मेगाक्वेक अलर्ट इस बात की तस्दीक नहीं करता कि लॉन्ग टर्म में जापान में भूकंप आने के रुझान बदल रहे हैं. यह अलर्ट नानकाई ट्रफ अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन प्रोटोकॉल के तहत दूसरा सबसे बड़ा अलर्ट था, जिसे 2017 में पेश किया गया था. प्रोटोकॉल तब एक्टिव होता है जब नानकाई ट्रफ के साथ या उसके आस-पास 6.8 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है. सबसे ज्यादा तरह का अलर्ट 8.0 या उससे ज्यादा तीव्रता के भूकंप से शुरू होता है.

    यह ट्रफ उस जगह को बताता है जहां फिलीपीन प्लेट, यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकती है. इन दो प्लेटों के इंटरफेस पर एक बड़ा फॉल्ट जोन है जिसे नानकाई मेगाथ्रस्ट कहा जाता है. यहां हर 100 से 150 साल में 8 या इससे ज्यादा तीव्रता के भूकंप आते हैं. हाल ही में सबसे ताजा भूकंप 1946 में आया था और इसकी तीव्रता 8.1 के आसपास थी. शुक्रवार को टोक्यो के पास कनागावा प्रान्त के नीचे नानकाई ट्रफ मेगाक्वेक अलर्ट एरिया के बाहर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया.


    भूकंप के तुरंत बाद एक बड़ा भूकंप आना कोई असामान्य बात नहीं है. ऑब्जरवेशन से पता चलता है कि यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, औसतन 5 फीसदी संभावना है कि एक भूकंप के बाद एक हफ्ते के अंदर पास में एक बड़ा भूकंप आएगा. फिर भी भूकंप की सटीक भविष्यवाणी करना या यह जानना असंभव है कि एक भूकंप के तुरंत बाद दूसरा भूकंप आएगा या नहीं. पिछले साल रिसर्चर्स ने बताया कि अगर नानकाई मेगाथ्रस्ट पर एक बड़ा भूकंप आता है, तो एक हफ्ते के अंदर आस-पास एक और बड़ा भूकंप आने की संभावना 2.1 से 77 फीसदी के बीच हो जाएगी, या सामान्य से 100 से 3,600 गुना ज्यादा हो जाएगी.

    भूकंप के लिए तैयार रहने की कोशिश में जापान ने 2007 में दुनिया की पहला राष्ट्रव्यापी ‘अर्थक्वेक अर्ली वार्निंग सिस्टम’ शुरू की. यह सिस्टम भूकंप से जमीन के अंदर पैदा होने वाली सबसे पहली तरंगों का पता लगाता है. इस सिस्टम का मकसद बाद में आने वाली धीमी और ज्यादा नुकसानदायक तरंगों के लिए पहले से चेतावनी जारी करना है. जब 2011 में 9.1 तीव्रता का तोहोकू भूकंप आया, तो सिस्टम ने टोक्यो के निवासियों को जमीन पर जबरदस्त हलचल शुरू होने से पहले एक मिनट की चेतावनी दी.

    जापान में भूकंप का सबसे बड़ा खतरा माना जाता है. इसके अलावा भी कई जगह हैं जहां बहुत विनाशकारी भूकंप आने की संभावना रहती है. प्रशांत महासागर के पार उत्तरी अमेरिका के तट पर एक और मेगाथ्रस्ट फॉल्ट छिपा हुआ है. कैस्केडिया मेगाथ्रस्ट, वैंकूवर आईलैंड से उत्तरी कैलिफोर्निया तक फैला हुआ है. माना जाता है कि हर 300 से 500 साल में यहां मेगाक्वेक आते हैं. जापान की तरह, अमेरिका भी एक शुरुआती अर्ली वार्निंग सिस्टम ‘शेकअलर्ट’ चलाता है. लोग अपने फोन पर शेकअलर्ट मैसेज पाने के लिए ऑनलाइन साइन अप कर सकते हैं.

    जिन इलाकों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा होता है, वहां के लोगों के लिए किसी भी झटके या अलर्ट के लिए पहले से ही तैयार रहना सबसे अच्छा है. यूएसजीएस इमरजेंसी रसद की एक लिस्ट बताता है, जो आपको भूकंप के लिए तैयार रहने के लिए चाहिए. भूकंप के लिए कैसे तैयार रहें, भूकंप की चेतावनी मिलने पर क्या करें और जब जमीन हिल रही हो तो क्या करें, इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप भारत सरकार की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं.

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