नई दिल्ली. भारत (India) की नौसैनिक ताकत (Naval strength) में कई गुना बढ़ोतरी होने वाली है. स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी (Indigenous nuclear submarine) जल्द ही नौसेना में शामिल होगी. इसका नाम है आईएनएस अरिघट (INS Arighat). इसके कई ट्रायल्स (Trials) हो चुके हैं. इसमें कई तरह के नए अपग्रेड किए गए हैं. शुरुआत में इसमें कई तकनीकी दिक्कतें थी लेकिन ये सारी दूर कर ली गई हैं.
1400 फीट गहराई तक जा सकती है, 12 SLBM मिसाइलें तैनात
यह पानी के अंदर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है. रेंज असीमित है. यानी खाने की सप्लाई और मेंटेनेंस रहे तो असीमित समय तक समंदर में रह सकती है. INS Arighat में 12 K15 SLBM तैनात की गई हैं. सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है.
ऐसी मिसाइलें, टॉरपीडो, बारूदी सुरंगों से लैस, दुश्मन कांप जाए
इसमें चार K4 मिसाइलें भी हैं, जिनकी रेंज 3500 km है. इसके अलावा इस पनडुब्बी में 21 इंच की छह टॉरपीडो लगी हैं. इसके अलावा कई टॉरपीडो ट्यूब्स हैं, जो टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री बारूदी सुरंग बिछाने का काम करेंगी. इस पनडुब्बी के अंदर न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है, जो परमाणु ईंधन से इस पनडुब्बी को सतह पर 28 km/hr और पानी के अंदर 44 km/hr की स्पीड प्रदान करेगा.
देश के दोनों हिस्सों की सुरक्षा का कमान रहेगा इसके हाथ
आईएनएस अरिहंत और अब इस पनडुब्बी के नौसेना में शामिल होने से देश के दोनों तरफ के तट दुश्मन के हमले से बचे रहेंगे. पाकिस्तान या चीन दोनों ही इस पनडुब्बी की मौजूदगी की वजह से हमला करने की हिम्मत नहीं करेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं भारत तीसरी परमाणु पनडुब्बी भी बनाने की तैयारी में है.
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