वॉशिंगटन (Washington) । अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रचार अभियान (Publicity campaign) ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। उसने शनिवार को बताया कि उनके अभियान से जुड़े दस्तावेजों को हैक (Documents hacked) कर लिया गया है। पॉलिटिको की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि AOL का इस्तेमाल कर एक ई-मेल आया, जिसमें भेजने वाले शख्स का नाम रॉबर्ट लिखा गया है। इस ई-मेल में ऐसे दस्तावेज हैं, जिनका इस्तेमाल केवल ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान किया जा रहा है।
राष्ट्रपति अभियान से जुड़ा ईमेल
अभियान ने शुक्रवार को जारी माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। इसमें इस हैक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेशी दुश्मनों को जिम्मेदार ठहराया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरानी हैकरों ने जून में राष्ट्रपति अभियान के एक उच्च पदस्थ अधिकारी को जाल में फंसाने वाला ईमेल भेजा था। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने ईमेल द्वारा किस अभियान को लक्ष्य करने का प्रयास किया था, उसकी पहचान नहीं की। न्यूज एजेंसी पोलिटिको ने आगे बताया कि हैकर की पहचान का पता नहीं लग सका और न ही इसके पीछे की मंशा का है।
अमेरिका से दुश्मनी रखने वाले विदेशी स्रोतों पर संदेह
ट्रंप के प्रचार अभियान के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने बताया कि दस्तावेज अमेरिका से दुश्मनी रखने वाले विदेशी स्रोतों से अवैध रूप से हासिल किए गए थे। इनका उद्देश्य इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करना और हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अराजकता फैलाना था। शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट की एक नई रिपोर्ट सामने आई, जिससे पता चला कि ईरानी हैकरों ने इस साल जून में राष्ट्रपति अभियान के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के खाते में भी सेंध लगाई थी। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप अपने रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति का चयन कर रहे थे।
इन लोगों से जुड़े दस्तावेज किए गए हैक
पोलिटिको ने ट्रंप अभियान के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिले ईमेल की जानकारी दी। इसमें ट्रंप के साथी उम्मीदवार जेडी वैंस और सीनेटर मार्को रुबियो से संबंधित जानकारी वाले दस्तावेज थे। 271 पन्नों वाले दस्तावेजों में वैंस से जुड़ी सार्वजनिक और उनकी कमजोरियों के बारे में लिखा हुआ था। वहीं, इसके अलावा हैकर ने न्यूज एजेंसी को सीनेटर मार्को रुबियो पर की गई जांच पड़ताल वाले दस्तावेज भेजे।
ईरान पर शक
जुलाई में कुछ रिपोर्ट सामने आईं कि अमेरिकी खुफिया विभाग को सबूत मिले कि ईरान 2020 में ईरानी सैन्य अधिकारी कासिम सोलेमानी की हत्या का आदेश देने के अपने फैसले का बदला लेने के लिए ट्रंप को मारने की साजिश रच रहा था। हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि पेन्सिलवेनिया रैली के दौरान ट्रंप पर किए जानलेवा हमले के पीछे ईरान है या नहीं। स्टीवन चेउंग ने बताया, ‘ईरानियों को पता है कि राष्ट्रपति ट्रंप उनके आतंक के शासन को उसी तरह बंद कर देंगे जैसे उन्होंने व्हाइट हाउस में पहले अपने कार्यकाल में किया था।’
हालांकि, एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में मिशन के एक बयान के हवाले से कहा गया है, ‘संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने कहा कि वह ऐसी रिपोर्टों पर कोई भरोसा नहीं करता है। ईरानी सरकार के पास संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का न तो कोई इरादा है और न ही ऐसा कोई मकसद है।’
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