जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने ट्रायल कोर्ट में (In the Trial Court) लोक अभियोजक के पदों पर मनमाने तरीके से नियुक्तियों पर (On arbitrary appointments to the posts of Public Prosecutor) जवाब मांगा (Seeks Answers) ।
हाईकोर्ट ने प्रदेश की ट्रायल कोर्ट में लोक अभियोजक के पदों पर नए कानूनी प्रावधानों के विपरीत मनमाने तरीके से नियुक्ति करने पर मुख्यसचिव, एसीएस होम व प्रमुख विधि सचिव से चार सप्ताह में जवाब मांगा है । जस्टिस अनिल कुमार उपमन ने यह अंतरिम निर्देश राजस्थान अभियोजन अधिकारी संघ की अध्यक्ष प्रतिभा पुरोहित की याचिका पर दिए।
याचिका में कहा है कि नई कानूनी व्यवस्था के तहत जिन राज्यों में लोक अभियोजक का पद है वहां इस कैडर के अधिकारियों से ही इन पद पर नियुक्तियां हो सकती है और इन पदों को पदोन्नति के जरिए ही भरा जाएl याचिका में प्रदेश के सभी जिलों में विधि विभाग द्वारा पुरानी प्रथानुसार ही जिला कलेक्टर व जिला न्यायाधीश की सिफारिशों पर लोक अभियोजक के पद पर की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार की है l क्योंकि यह नियुक्तियां योग्यता नहीं बल्कि राजनीतिक संबंधों के आधार पर होती हैं । सुप्रीम कोर्ट भी इस संबंध में गंभीर टिप्पणी कर चुका है।
23 मई को आरपीओए ने भी एसीएस होम को पत्र लिखकर कहा था कि कानून की अवहेलना कर लोक अभियोजक व विशेष लोक अभियोजकों के पदों पर नियुक्तियां नहीं करें, लेकिन इसके बावजूद भी ना तो उन्होंने इसका कोई जवाब दिया और न ही पुराने प्रावधानों पर हो रही नियुक्तियों को ही स्थगित किया है। इसलिए नए कानूनी प्रावधानों के जरिए ही लोक अभियोजक व विशेष लोक अभियोजक के पदों पर नियुक्तियां करने के आदेश दिए जाएं ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved