नई दिल्ली: राज्य सभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने प्रवासी पक्षियों के लिए समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने की मांग की है. गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने पंजाब में वेटलैंड्स के संरक्षण को सुनिश्चित करने की मांग की. सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा-पंजाब की पारिस्थितिकी धन्य है कि यहां कई प्रवासी पक्षियों और वन जीवन के लिए अनुकूल है. उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए पंजाब में वेटलैंड्स का संरक्षण बहुत अहम है.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी पक्षी हमारे पास मौजूद समृद्ध संसाधनों के चलते भारत को चुनते हैं. पंजाब में सात वेटलैंड्स हैं, जिनमें से पांच संरक्षित हैं जिन्हें रामसर स्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त हैं. उनके क्षरण के कारण राज्य में सालाना आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में गिरावट आई है. हमें राज्य में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए उन वेटलैंड्स को संरक्षित करने पर तेजी से काम करने की जरूरत है.
इस मुद्दे पर विस्तार से बात करते हुए सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा, “सैंडपाइपर, प्लोवर, गल्स, टर्न, यूरेशियन कूट, गेडवाल, कॉमन पोचार्ड, यूरेशियन विगॉन, रूडी शेल्डक, कॉमन टील, स्पूनबिल और पेंटेड स्टॉर्कआदि प्रवासी पक्षियों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां हैं जो हर साल पंजाब के वेटलैंड्स में आती हैं. उन्होंने ये भी बताया कि 2021-22 में पंजाब के रामसर स्थलों पर आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या 95,928 थी, जो 2022-23 में घटकर 85,882 रह गई है.
राज्यसभा सांसद ने इस दौरान वेटलैंड्स के संरक्षण के अलावा उद्योगों के रासायनिक कचरों की वजह से पंजाब में जल निकायों की स्थितियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि लुधियाना में बुड्ढा नाला में प्रदूषण के उच्च स्तर को रोकने के लिए कदम उठाना और बुड्ढा नाला को प्रदूषण मुक्त करना समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें डेयरी और रंगाई उद्योग से निकलने वाले अपशिष्टों को सीधे बुड्ढा नाला में प्रवाहित करने की समस्या से निपटने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि ये अपशिष्ट राज्य में इंसानों और पशुओं को सीधे प्रभावित करते हैं. राज्य में जल निकायों की ऐसी हालत की वजह से प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आ रही है. सांसद सतनाम सिंह संधू ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृतोत्सव के अवसर पर पंजाब के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया. इन अमृत सरोवरों के निर्माण से प्रवासी पक्षियों को जीवित रहने के लिए अनुकूल आवास मिलेगा.
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