नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय उपद्रवियों के निशाने पर हैं. लोगों पर हमले करने के साथ ही उनके घरों और धार्मिक स्थलों को भी टारगेट किया जा रहा है. पड़ोसी देश में मचे इस उपद्रव पर भारत सरकार नजर बनाए हुए है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी है कि मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित की है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक पोस्ट किया है. इसमें कहा है कि यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखेगी. ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
सीमा सुरक्षा बल की पूर्वी कमान के एडीजी इस समिति की अध्यक्षता करेंगे. इसके अलावा आईजी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय साउथ बंगाल, आईजी बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा, सदस्य योजना एवं विकास एलपीएआई और एलपीएआई के सचिव इस कमेटी के सदस्य होंगे. ये समिति बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत का चैनल बनाए रखेगी.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र का बड़ा बयान आया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के एक प्रवक्ता ने कहा कि वो नस्ली आधार पर होने वाले हमले या हिंसा के खिलाफ हैं. बांग्लादेश में हो रही है हिंसा पर नियंत्रण पाया जाए. शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद हिंसा में कई मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है. अवामी लीग से जुड़े हिंदू नेताओं की हत्या की गई है.
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