नई दिल्ली। गुरुवार को सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। इसे लेकर विपक्ष ने तगड़ा विरोध किया और विपक्ष के विरोध के चलते विधेयक को जेपीसी के पास भेजने का फैसला किया गया। वक्फ विधेयक को लेकर गुरुवार को सदन में खूब गरमा गरमी देखने को मिली। हालांकि इस दौरान कुछ हल्के फुल्के पल भी आए, जब सदन के सदस्य खिलखिलाकर हंस पड़े। ऐसा ही एक वाकया तब हुआ, जब वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू अपनी बात रख रहे थे।
दरअसल किरेन रिजिजू ने अपने भाषण के दौरान वक्फ से जुड़े उत्तर प्रदेश के एक मामले का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तंज भी कसा। रिजिजू ने कहा कि ‘बुशरा फातिमा…आप उस वक्त मुख्यमंत्री थे। क्या किसी ने आपको बताया नहीं? उसे अपने बच्चों को पालने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन अगर वक्फ कानून में कोई बदलाव नहीं हुआ और अगर उसके पति की मौत हो गई तो उसकी पूरी संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास चली जाएगी।’ किरेन रिजिजू ने यह बात कहकर वक्फ कानून में बदलाव की जरूरत पर बल दिया।
किरेन रिजिजू ने कहा कि ‘क्या हमें ऐसी स्थिति में दखल नहीं देना चाहिए? क्या बुशरा फातिमा को न्याय दिलाने के लिए कदम नहीं उठाने चाहिए? इस धर्म के चश्में से नहीं देखिए।’ इस पर विपक्ष की तरफ से टिप्पणियां की गईं और विधेयक को जेपीसी के पास भेजने की मांग की गई तो रिजिजू ने कहा कि ‘मैंने मामले पर विस्तार से बता दिया है। क्या किया जाना है ये स्पीकर और सदन की सहमति से होगा, लेकिन आज कई सदस्यों ने बहुत सी बातें की, बहुत सारे झूठ बोले और गुमराह करने की कोशिश की।’
रिजिजू के इतना कहने पर विपक्ष ने झूठ बोलने के आरोप का विरोध शुरू कर दिया। इस पर रिजिजू ने खुद की बात को सुधारते हुए कहा कि झूठ नहीं असत्य। हालांकि विपक्ष शांत नहीं हुआ तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उठे और उन्होंने मामले को शांत करने के लिए बोला कि ‘झूठ मत कहिए बल्कि ऐसा कहते हैं कि उन्होंने सच नहीं बोला।’ शाह के इस बयान पर लोकसभा सभापति ओम बिरला भी मुस्कुराते हुए नजर आए।
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