प्रयागराज: देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है. आलम ये है कि कई राज्य बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. जो खतरे के निशान को पार करने से महज कुछ ही मीटर बचा है. ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिसमें देखा जा सकता है कि पानी लबालब भरा हुआ है.
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से उसका पानी नए नैनी ब्रिज के नीचे सीढ़ियों तक आ गया है. जमीन से पानी काफी ऊपर आ चुका है. गंगा नदी का जलस्तर 80 मीटर तक पहुंच चुका है. वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी जलस्तर की बात करें तो इसका जलस्तर 82 मीटर तक पहुंच गया है. संगम पर लेटे हुए बजरंगबली पानी में पूरी तरीके से डूब चुके हैं. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है.
आलम ये है कि पानी सड़कों तक पहुंच गया है. जहां कभी सड़कों पर गाड़ियां चला करती थीं अब उन सड़कों पर नाव चल रही है. जहां तक नजर जा रही है हर तरफ पानी दिखाई दे रहा है. खंभे और पेड़ पानी में डूबे नजर आ रहे हैं. वहीं NDRF और SDRF की टीम लगातार गंगा और यमुना की नदी में गश्त कर रही है ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना ना हो सके. इस बीच एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने संगम पर नाविक और श्रद्धालुओं को आदेश दिया है कि कोई भी बैरिकेडिंग के आगे न जाए.
वहीं संगम तट पर लगातार पानी बढ़ने से निचले इलाके भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. लोगों की झोपड़ीयां पानी मे समा गई हैं. दारागंज इलाके के दशाश्वमेध घाट के पास रह रहे गरीब तबके के लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह पर जा रहे हैं. कच्चे घर होने की वजह से हादसा होने की आशंका बनी रहती है. तराई इलाकों में भी बढ़ते जलस्तर ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. जिसकी वजह से कई लोग पलायन कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि बाढ़ की वजह से शहर के पुराने इलाके करेली में गंगा, यमुना, ससुर खदेरी नदी में जलस्तार बढ़ने से करीब पचास से ज्यादा मकान जलमग्न हो गए हैं और बाढ़ का पानी घरों के अंदर घुस गया है. करेली के जेके कॉलोनी, ऐनुद्दीनपुर, गड्ढा कॉलोनी, जेके आशियाना समेत कई जगह पांच फिट से ज्यादा पानी भर गया है. बाउंड्री की दीवारें आधी पानी में डूब गई हैं. जिससे यहां के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बाढ़ की चलते प्रयागराज में 2025 में लगने वाले महाकुंभ का विकास कार्य भी रुक गया है. पूरे मेला क्षेत्र में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. जिसकी वजह से मेले का काम नहीं हो सकता है. वहीं मृतकों का अंतिम संस्कार भी लोगों को सड़क पर करना पड़ रहा है. दारागंज इलाके में अंतिम संस्कार की जगह पर बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से लोग सड़कों पर अंतिम संस्कार करने पर मजबूर हैं.
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