कोलंबो (Colombo)। इंडिया वर्सेस श्रीलंका (India vs Sri Lanka) तीन मैचों की सीरीज (Three match series) का आखिरी वनडे इंटरनेशनल मैच (Last One Day International match.) 7 अगस्त को कोलंबो (Colombo) के आर प्रेमदासा स्टेडियम पर खेला जाना है। इस सीरीज का पहला मैच टाई हुआ था, जबकि दूसरा मैच भारत ने 32 रनों से गंवा दिया था। सीरीज में मेजबान श्रीलंका 1-0 से आगे और भारत के लिए आखिरी मैच करो या मरो वाला है।
कप्तान रोहित शर्मा (Captain Rohit Sharma) का सबसे बड़ा सिरदर्द टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर बना हुआ है। श्रीलंकाई स्पिनरों के आगे जिस तरह से भारतीय बैटर्स ने घुटने टेके हैं, उसने टीम इंडिया को इस स्थिति में पहुंचा दिया है। भारत को अगर सीरीज बराबर करानी है, तो ऐसे में उसे हर हाल में आखिरी मैच में अपनी तीन गलतियों पर काम करना होगा, एक तो भारतीय स्पिनरों को बेहतर प्रदर्शन करना होगा, दूसरा मिडिल ऑर्डर में थोड़ा टिककर खेलना होगा और तीसरा टीम सिलेक्शन को लेकर कुछ अहम फैसले लेने होंगे।
टीम इंडिया को अगर श्रीलंका से 27 साल बाद सीरीज गंवाने से बचना है तो उसको आखिरी मैच में श्रीलंकाई स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा। गौतम गंभीर की हेड कोच के रूप में यह पहली वनडे सीरीज है और वह निश्चित तौर पर हार के साथ शुरुआत नहीं करना चाहेंगे। भारत को श्रीलंका के खिलाफ आखरी बार वनडे सीरीज में हार का सामना 1997 में करना पड़ा था। अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई वाली टीम ने तब सचिन तेंदुलकर की भारतीय टीम को तीनों मैच में हराया था। भारत और श्रीलंका के बीच तब से 11 वनडे सीरीज हो चुकी हैं और इन सभी में भारतीय टीम विजयी रही।
भारत मौजूदा सीरीज को नहीं जीत पाएगा क्योंकि पहला मैच टाई छूटने के बाद दूसरे मैच में उसे 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब उसकी नजर सीरीज बराबर करने पर टिकी है। भारत बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इस स्थिति में पहुंचा है। आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है और कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य बल्लेबाज श्रीलंका के स्पिनरों का डटकर सामना नहीं कर पाया है।
विराट समेत बाकियों को लेनी होगी जिम्मेदारी
स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अभी तक दो मैच में 38 रन ही बना पाए हैं। उन्होंने आसानी से अपना विकेट गंवाया है जो टीम के लिए चिंता का विषय है। कोहली इस मैच में उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगे। कोहली को रोहित से मिली आक्रामक शुरुआत को ही आगे बढ़ाने की जरूरत है लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम रहे हैं। उन्हें मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संवारना होगा। इसके लिए उन्हें और अन्य बल्लेबाजों को रोहित की तरह स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा।
रोहित से लेनी होगी सीख
श्रीलंका के स्पिनर भारत के अन्य बल्लेबाजों के लिए भी अबूझ पहेली बने हुए हैं। स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे पिछले मैच में जैफ्री वांडरसे की आसान लेग स्पिन को भी नहीं समझ पाए। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों को खेलने में असफल रहे हैं। रोहित ने पिछले मैच में 44 गेंद पर 64 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। श्रीलंका के स्पिनर उनके सामने नहीं चल पाए थे। भारत के अन्य बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान से सीख लेने की जरूरत है।
रियान को क्या मिलेगा मौका?
भारत इस मैच में दुबे की जगह रियान पराग को मौका दे सकता है जो स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलते हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए अतिरिक्त बोनस होगी, क्योंकि भारतीय गेंदबाज भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों की तरह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं।
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