नई दिल्ली (New Delhi) । इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) जमा करने की समयसीमा 31 जुलाई बीत चुकी है। जिन टैक्सपेयर्स (Taxpayers) ने इसे दाखिल नहीं किया है, उनके पास विलंबित रिटर्न (Belated Return) भरने करने का विकल्प है। हालांकि, इसके लिए उन्हें जुर्माना (Fine) चुकाना होगा। साथ ही उनके लिए कई सुविधाएं भी समाप्त हो जाएंगी। इसके मद्देनजर उन्हें सावधानी से रिटर्न फॉर्म भरना होगा। चूक होने पर आयकर विभाग उन्हें नोटिस भेज सकता है।
5000 रुपये तक का लेट पेनॉल्टी
आयकर कानून के अनुसार, अगर किसी टैक्सपेयर की कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक है तो विलंब शुल्क पांच हजार रुपये चुकाना होगा। अगर कुल इनकम पांच लाख रुपये से कम है तो एक हजार रुपये चुकाने होंगे। अगर कुल आय आधार छूट की सीमा से कम है, लेकिन फिर भी देर से रिटर्न दाखिल कर रहे हैं तो इस स्थिति में भी जुर्माना नहीं लगेगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
सावधानी से दाखिल करें फॉर्म
कर सलाहकार कहते हैं कि आईटीआर भरते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यदि करदाता फॉर्म में गलत जानकारी भरता है तो आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। गलत फॉर्म जमा करने पर आईटी विभाग इसे अमान्य मानकर खारिज कर सकता है। जानबूझकर कम जानकारी देने या गलत आईटीआर फॉर्म चुनने से आय का निर्धारण गलत हो सकता है। ऐसे में कर चोरी का मामला बन सकता है। इसके परिणामस्वरूप आयकर विभाग देय कर राशि का 100% से 300% तक जुर्माना लग सकता है।
इन गलतियों से बचें
1. विलंबित आईटीआर दाखिल करने पर पुरानी कर व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा, इसलिए न्यू टैक्स रिजीम के तहत ही इसे दाखिल करें।
2. देय आयकर की गणना नई व्यवस्था के मुताबिक ही करें। गलत कैलकुलेशन पर नोटिस मिल सकता है।
3. तय तिथि तक आईटीआर जमा करने से रिफंड पर ब्याज मिलता है। विलंबित आईटीआर में इसका दावा न करें।
4. विलंबित आईटीआर में नुकसान का समायोजन (कैरी फॉरवर्ड ) करने से बचें। इसकी अनुमति नहीं है।
5. अगर किसी तरह की कर देनदारी बन रही है तो 31 दिसंबर तक आईटीआर-यू दाखिल करें। वरना जुर्माना और कैद दोनों हो सकते हैं।
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