नई दिल्ली (New Delhi) । दुनिया में कई बीमारियां (Diseases) ऐसी होती हैं जो होती तो बहुत ही कम हैं, लेकिन फिर भी इतनी खतरनाक होती हैं कि उनके बारे में सुनते ही इंसान सिहर जाता है. ऐसा ही कुछ एक नवजात (Newborn Baby) के साथ हुआ जो बहुत ही दुर्लभ त्वचा रोग (Rare Skin Diseases) के साथ पैदा हुआ है. इस रोग की वजह से उसकी त्वचा तितली के पंखों जितनी नाजुक है. आलम यह है कि उसकी मां तक उसे गोद में नहीं ले सकती है और तो और वह क्रिसमस तक भी जिंदा नहीं रह सकता.
उज्जियाह बोमन की उम्र एक सप्ताह से थोड़ा अधिक का है, लेकिन वह एपिडर्मोलिसिस बुलोसा (ईबी) के साथ पैदा हुआ था. दुनिया भर में इस बीमारी से पीड़ित केवल पाँच लाख शिशुओं में से एक होते हैं. दुख की बात है कि उसकी त्वचा इतनी नाजुक है कि उसके माता-पिता उसे गोद में नहीं ले सकते.
त्वचा दो परतों से बनी होती है. स्वस्थ त्वचा में, प्रोटीन दो परतों को एक साथ रखता है ताकि वे अलग-अलग न हिलें. ईबी के साथ पैदा हुए लोगों में, परतों में वह प्रोटीन नहीं होता है जो उन्हें एक साथ रखता है. इसका मतलब है कि कोई भी हलचल जो दो परतों के बीच घर्षण पैदा करती है, फफोले पैदा करती है.
त्वचा पर कहीं भी छाले विकसित हो सकते हैं, और मुंह और आंखें विशेष रूप से घावों के लिए अतिसंवेदनशील होती हैं. गर्मी से स्थिति और खराब हो जाती है. कुछ पीड़ित फफोले के साथ पैदा होते हैं लेकिन अन्य अपने जीवन के पहले कुछ हफ्तों में विकसित होते हैं.
उज्जियाह की 31 साल की मां जेड और 44 साल के पिता ली केवल उसके बिस्तर के पास रह कर उसकी निगरानी कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर यह देखने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या वह ऑपरेशन को करने के लिए पर्याप्त स्थिर हो पाता है या नहीं जिससे उसका जीवन कुछ समय और लंबा खिंच सके.
चिकित्सकों ने बच्चे को जीने के लिए केवल कुछ महीने दिए हैं. अब, ली और जेड यह जानने के लिए बेताब हैं ईबी से पीड़ित बच्चों के अन्य माता-पिता ने क्या किया है. वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि उसकी त्वचा बहुत कमज़ोर है और वह ऑपरेशन से भी बच नहीं पाएगा.
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