उज्जैन: भाई और बहन के पवित्र पर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) को लेकर मध्य प्रदेश में पहले कभी सरकार की इतनी गहरी भूमिका देखने को नहीं मिली थी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) ने सावन के महीने में ही रक्षाबंधन पर्व मनाना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश के सभी जिलों में जनप्रतिनिधि खास तौर पर विधायक और मंत्री बहनों के बीच जाकर रक्षाबंधन पर्व मनाएंगे. रक्षाबंधन पर्व से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का गहरा नाता रहा है.
दरअसल, दो दशक पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन में पूरे महीने रक्षाबंधन पर्व मनाने की शुरुआत की थी, उस समय वह विधायक भी नहीं थे. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उन गरीब मोहल्ले में जाकर रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत की थी, जहां पर महिलाओं के भाई नहीं थे. उन्होंने महिलाओं से रक्षाबंधन पर्व पर राखी बंधवा कर उनकी समस्याओं को सुना और उसे दूर करने का सफल प्रयास किया.
जैसे ही कुछ महिलाओं की समस्याएं दूर हुई, उनके माध्यम से पूरे विधानसभा क्षेत्र में धीरे-धीरे यह बात फैल गई. इसके बाद सभी वर्ग की महिलाएं डॉक्टर मोहन यादव को राखी बांधने के लिए आगे आती रहीं. रक्षाबंधन पर्व से इसकी शुरूआत हुई मगर जब राखी बांधने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती चली गई तो इसे कुछ दिन पहले से शुरू किया गया. धीरे-धीरे महिलाओं की संख्या हजारों में पहुंच गई, जिसके बाद पूरे सावन महीने में डॉक्टर मोहन यादव द्वारा रक्षाबंधन पर्व मना कर बहनों के बीच अधिकांश समय व्यतीत किया जाने लगा.
मोहन यादव जब विधायक बन गए तो उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं को जोड़कर महिलाओं को रक्षाबंधन पर्व का उपहार वितरित करना शुरू कर दिया. इसके पहले खुद और परिवार के खर्चे पर उपहार वितरित करते थे. उन्होंने विधायक बनने के बाद मिलने वाले वेतन को भी रक्षाबंधन पर्व पर खर्च करना शुरू कर दिया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के विधानसभा क्षेत्र में ही 25000 बहनें हैं जो हर साल उन्हें राखी बांधती हैं.
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