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    236 करोड़ का जलकर माफ करेगा निगम, 25 अगस्त तक चलेगा अभियान

  • August 03, 2024

    • मामला वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का, समयसीमा समाप्त होने के बाद बकायादारों के खिलाफ एफआईआर के अलावा कुर्की-जब्ती की भी चेतावनी दी महापौर ने

    इंदौर। शासन की मंजूरी के बाद अभी नगर निगम का जो बजट सम्मेलन हुआ उसमें जलकर के लिए जो वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लॉन्च की जाना है, उसका प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। सालों से नगर निगम को जलकर के लगभग 472 करोड़ रुपए वसूलना हैं। अभी इस स्कीम के तहत 5 से 25 अगस्त तक विशेष अभियान सभी 19 झोनों और 85 वार्डों में चलाया जाएगा, जिसमें जगह-जगह शिविर भी आयोजित होंगे और बकायादारों को यह मौका दिया जा रहा है कि वह अगर एकमुश्त आधी राशि जमा कर देते हैं तो उनकी बची हुई आधी राशि, यानी 50 प्रतिशत माफ कर दी जाएगी। लगभग 236 करोड़ का जलकर निगम माफ करेगा, बशर्ते सभी बकायादार आधी राशि जमा कर दें। हालांकि महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अभियान समाप्ति, यानी 25 अगस्त के बाद एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ चल-अचल सम्पत्तियों की जब्ती-कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। नगर निगम के रिकॉर्ड में लगभग पौने 3 लाख से अधिक कनेक्शन हैं।

    नगर निगम के सम्पत्तिकर में भी कई विवादित खाते तो हैं ही, वहीं अभी ऑनलाइन सिस्टम भी गड़बड़ाया हुआ है, जिसके चलते ईमानदार करदाताओं को भी चक्कर काटना पड़ रहे हैं और इस पर नए टैक्स स्लैब का बोझ अलग डाल दिया है। दूसरी तरफ बकाया जलकर के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम अमल में लाई जा रही है। हालांकि इसका कितना फायदा बकायादार उठाते हैं यह तो 26 अगस्त को ही पता चलेगा, जब निगम की समयसीमा समाप्त होगी। 5 अगस्त से यह अभियान शुरू होगा, जो 25 अगस्त तक जारी रहेगा, जिसमें जलकर के सभी बकायादारों को यह मौका दिया जा रहा है कि वह अपनी बकाया राशि का 50 फीसदी एकमुश्त जमा कर दें तो उनकी शेष 50 फीसदी राशि बट्टे खाते में डाल दी जाएगी, यानी उन्हें भविष्य में भी ये 50 फीसदी राशि जमा नहीं करना पड़ेगी।


    महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि इस वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का बकायादारों को फायदा उठाना चाहिए, क्योंकि निगम इतिहास में यह पहला मौका है, जब इस तरह की बड़ी छूट जलकर के बकायादारों को मिल रही है। महापौर के मुताबिक 25 अगस्त तक यह अभियान सभी झोनों में चलेगा और इसके लिए शिविर भी लगाए जाएंगे। उसके बाद फिर निगम बकायादारों पर सख्ती शुरू करेगा, जिसमें एफआईआर से लेकर जब्ती-कुर्की जैसी अप्रिय कार्रवाई भी शामिल रहेगी। निगम के राजस्व प्रभारी निरंजनसिंह चौहान गुड्डू का कहना है कि अभी निगम बजट में मासिक जलकर की राशि में इजाफा भी किया गया है। अब 200 रुपए की जगह 300 रुपए का जलकर लिया जाएगा। वैसे भी नगर निगम को जलूद से नर्मदा का पानी इंदौर लाकर वितरित करना महंगा पड़ता है और प्रति कनेक्शन लगभग 1 हजार रुपए प्रतिमाह का खर्चा आता है। उसकी तुलना में अभी भी 30 से 35 फीसदी राशि ही जलकर की ली जा रही है। पिछले दिनों शासन ने निगम की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को मंजूर कर दिया था। उसके बाद बजट सम्मेलन में उसका प्रस्ताव भी मंजूर हो गया, जिसके चलते अब यह अभियान शुरू किया जा रहा है। हालांकि अभी भी सम्पत्तिकर के खातों की तुलना में नल कनेक्शन के आधे ही खाते हैं। निगम का कहना है कि दो लाख 64 हजार से अधिक आवासीय नल कनेक्शन हैं तो व्यावसायिक नल कनेक्शनों की संख्या मात्र 2600 से ज्यादा है। वहीं औद्योगिक कनेक्शन तो 680 ही हैं। यह भी आश्चर्य का विषय है कि इंदौर, जो कि प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कही जाती है, वहां व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों की संख्या अत्यंत कम है। इसका मतलब यह हुआ कि या तो अधिकांश नल कनेक्शन लेकर उनका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है या फिर अवैध नल कनेक्शन चल रहे हैं।

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