नई दिल्ली (New Delhi)। फर्जी दस्तावेजों (Fake documents)की वजह से ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर(Trainee IAS Pooja Khedkar) की नौकरी चली गई है। खेडकर ने पुणे (Khedkar to Pune)के कलेक्टर सुहास दिवसे (Collector Suhas Day)को भी लपेटे में लेने की कोशिश की थी। उन्होंने दिवसे के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज करवा दिया था। दिवसे ने ट्रेनी आईएएस रहीं पूजा खेडकर के नखरों और मांगों की शिकायत की थी इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उनका ट्रांसफर वाशिम में सहायक कलेक्टर के पद पर कर दिया था।
शुक्रवार को पुणे के कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, हमने कई बार पूजा खेडकर को कमिश्रनरेट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया लेकिन वह एक बार भी नहीं आईं। ऐसे में हमने मान लिया है कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है। अब देखते हैं कि आगे क्या करना है। वहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के एक सहयोगी ने कहा कि केस जल्द ही बंद हो जाएगा।
चीफ सेक्रेटरी सुजाता सौनिक ने कहा, पुणे पुलिस मामले की प्राथमिक जांच कर रही है और अब यह खत्म होने वाली है। पूजा खेडकर तब विवाद में आई थीं जब पुणे कलेक्ट्रेट में उन्हें महाराष्ट्र सरकार के प्रतीक और लाल बत्ती वाली गाड़ी में देखा गया था। इसके अलावा पूजा खेडकर ने काम करने के लिए अलग ऑफिस मांगा था। वासिम ट्रांसफर के बाद वह मंत्रालय पहुंच गई थीं। बिना इजाजत ही वह सौनिक के कार्यालय में घुसती चली गईं। वहीं पूजा खेडकर द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को दिवासे ने खारिज किया था और कहा था कि कई सीनियर आईएएस अधिकारी उनके साथ खड़े हैं।
दरअसल ट्रेनी आईएएस ने जॉइन करते ही सुहास दिवसे से वीआईपी विशेषाधिकार मांगे थे। उन्होंने कार, बंगला और स्टाफ की डिमांड रख दी थी। इसके बाद पुणे के कलेक्टर ने शिकायत सामान्य प्रशासन विभाग में की। उन्होंने यह भी कहा था कि पूर्व अधिकारी और खेडकर के पिता दिलीप खेडकर इसके लिए दबाव बना रहे हैं।
पूजा खेडकर की मां को मिली जमानत
पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को भी बंदूक की नोक पर किसानों को धमकाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुणे कि अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। पुणे की पुलिस ने मनोरमा उनके पति दिलीप और 6 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
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