नई दिल्ली. संसद (Parliament) के चालू मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के 10वें दिन राज्यसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) किसान एवं कृषि कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देंगे. मंत्रालय के कामकाज पर एक दिन पहले राज्यसभा में चर्चा हुई थी. वहीं, लोकसभा में आज संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री लोकसभा में वक्तव्य देंगे. लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर भी चर्चा होगी.
शिवराज ने मध्य प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार और नर्मदा-क्षिप्रा नदी को जोड़ने के प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया और दिग्विजय सिंह के समय में जब प्रस्ताव आया, इन्होंने कहा था कि ये संभव नहीं है. हमने कहा कि असंभव शब्द हमारे शब्दकोष में नहीं है. उपज बढ़ानी है तो अच्छे बीज चाहिए, जलवायु चाहिए. 10 साल से मोदी सरकार में ये हो रहा है. खाद्यान्न का उत्पादन 329 मिलियन टन तक पहुंच गया है. हम यहां रुकेंगे नहीं. दलहन, तिलहन का उत्पादन प्राथमिकता नहीं थी. लगातार घट रहा था. उत्पादन बढ़ रहा है, उत्पादकता बढ़ रही है. फर्टिलाइजर सब्सिडी पर भी बात हुई. आंकड़े रखना चाहता हूं. जब उधर की सरकार थी, 2013-14 में फर्टिलाइजर सब्सिडी कितनी थी. शिवराज ने तब और अब के आंकड़े भी बताए और कहा कि वर्षवार बता सकता हूं. बजट के प्रावधान के अलावा भी अतिरिक्त राशि देनी पड़ती है तो दी जाती है. हमने बढ़ी कीमत का भार किसान पर नहीं डाला और 26 हजार करोड़ से अधिक का पैकेज दिया. यूरिया के एक पैकेट पर 45 किलोग्राम का, सरकार सब्सिडी देती है 2100 रुपये. किसानों को केवल 266 रुपये में मिलता है. 2366 का यूरिया किसान को केवल 266 में देती है मोदी सरकार. डीएपी भी सस्ते में दी जाती है. किसान फायदे की खेती करे, अनेकों कदम उठाए. सस्ता खाद मोदी सरकार देती रहेगी.
शिवराज सिंह चौहान राज्यसभा में किसान और कृषि कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं. शिवराज ने कहा कि हम तो सीधे-सीधे कहना चाहते थे लेकिन हमारे विद्वान मित्र सुरजेवालाजी ने छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि हम किसी को छेड़ते नहीं और जब कोई छेड़ दे तो छोड़ते भी नहीं हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि उनको शकुनी मिले. शकुनी, चौपड़, चक्रव्यूह… ये सब अधर्म के प्रतीक हैं. जाकी रहे भावना जैसी. उन्होंने सरकार की छह सूत्रीय प्राथमिकताएं गिनाईं और कहा कि कल कहा गया कि कृषि के लिए बजट में कटौती का आरोप लगाया. शिवराज ने बजट में कृषि, फर्टिलाइजर, मत्स्य पालन, इन सबके लिए आवंटित बजट गिनाए और कहा कि किसान और खेती हमारी प्राथमिकता है.
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