नई दिल्ली. हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) ईरान (Iran) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान (Newly elected President Masoud Pezeshkian) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान (Tehran) गए थे. वह ईरानी सेना आईआरजीसी के जिस गेस्टहाउस में ठहरे थे, वहीं उनकी हत्या कर दी गई. लेकिन अब खबर है कि जिस बम से हानिया की हत्या की गई, उसे दो महीने पहले स्मलिंग कर तेहरान लाया गया था.
रिपोर्ट में ईरान की सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के दो सदस्यों सहित कई अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई. यह नया खुलासा उन शुरुआती रिपोर्ट्स से बिल्कुल अलग है, जिनमें कहा गया कि मिसाइल हमले में हानिया की मौत हुई थी.
रिपोर्ट में ईरान के कुछ अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि तेहरान में हानिया की हत्या आईआरजीसी के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात है क्योंकि जिस गेस्टहाउस में हानिया और अन्य गणमान्य लोग ठहरे थे, वही इसे ऑपरेट करता है.
हानिया तेहरान में नेशहत नाम के आईआरजीसी के कंपाउंड में ठहरा हुआ था. इस कंपाउंड का इस्तेमाल सीक्रेट मीटिंग्स और हानिया जैसे हाई प्रोफाइल गेस्ट के रहने के लिए किया जाता है.
कैसे हुआ था धमाका?
आईआरजीसी अधिकारियों का कहना है कि हानिया की मौत बम धमाके में हुई थी. यह बम रिमोट कंट्रोल्ड था. जैसे ही धमाका हुआ. गेस्टहाउस के कपाउंड की दीवार का हिस्सा ढह गया, खिड़कियां टूट गईं. हालांकि, इस धमाके से हानिया के बगल वाले कमरे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. उस कमरे में फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के नेता जियाद नखलेह ठहरे हुए थे. इससे पुख्ता हो गया है कि हानिया की हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार तड़के दो बजे जैसे ही हानिया के कमरे में बम ब्लास्ट हुआ. कंपाउंड का मेडिकल स्टाफ वहां पहुंचा. हानिया को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया. हानिया के बॉडीगार्ड को भी मृत घोषित कर दिया गया.
हमास के एक सीनियर अधिकारी खलील अल-हाया भी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने हानिया का शव देखा. इसके बाद आईआरजीसी के कुदस फोर्स के कमांडर इस्माइल गनी ने तुरंत ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई को नींद से जगाया और उन्हें बताया कि हानिया मारा गया है.
रिपोर्ट में एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के ब्लास्ट के लिए महीनों की प्लानिंग और सर्विलांस की जरूरत पड़ती है. ईरान के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इस बम को कैसे और कब हानिया के कमरे में लाया गया. लेकिन कुछ मिडिल ईस्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इसे मोटे तौर पर दो महीने पहले हानिया के कमरे में प्लांट किया गया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस तरह से हानिया को सटीक निशाना बनाया गया. उससे लगता है कि बम रिमोट कंट्रोल से संचालित होता था. इसी तरह के बम का इस्तेमाल इजरायल के मोसाद ने 2020 में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन की हत्या में किया था.
इजरायल ने हानिया की मौत पर साध रखी है चुप्पी
ईरान ने तेहरान में इस्माइल हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन इजरायल ने ना तो इस हमले की पुष्टि की है और ना ही इससे इनकार किया है. इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई ने ईरानी सेना को इजरायल पर हमला करने का आदेश दिया. ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग के बाद खामेनेई ने इस हमले का आदेश दिया था.
बता दें कि इससे पहले 13 अप्रैल की आधीरात जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, तो इसमें सीरिया और इराक भी उतर आए थे. वहीं, लेबनान के ईरान समर्थित चरमपंथी गुट हिज्बुल्लाह ने भी सीरिया में बने इजरायली मिलिट्री बेस पर हमला किया था.
वहीं, ईरान के हमले के इस आदेश के बाद इजरायली सेना की ओर से भी जवाब आय़ा है. इजरायली एयरफोर्स के कमांडर मेजर जनरल तोमेरे बार ने कहा कि एयर फोर्स युद्ध के हर क्षेत्र में देश की रक्षा और हमला करता है. हम किसी भी परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. जो भी इजरायल और इजरायली नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाएगा, हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे. ऐसी कोई भी जगह नहीं है, जो हमारी जद से दूर हो या जहां हम हमला नहीं कर सकें.
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