उज्जैन। उज्जैन में रियल एस्टेट कारोबार में तेजी बरकरार है और पर्याप्त संख्या में रोजाना रजिस्ट्रियाँ हो रही हैं। इस चालू वित्त वर्ष में अभी तक 28 हजार 397 रजिस्ट्रियों से स्टाम्प ड्यूटी से होने वाली आय 163 करोड़ पार पहुँच गई है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में चारों तरफ ही कॉलोनियाँ धड़ाधड़ कट रही हैं, वहीं शहर में भी संपत्ति की खरीदी-ब्रिकी बढ़ती जा रही हैं। औसतन 180 से 200 रजिस्ट्रियाँ रोजाना उज्जैन के सभी पंजीयन-उपपंजीयन कार्यालयों में होती हैं।
दूसरी तरफ प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों की रोकथाम के लिए कई रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड भी निकलवाए जा रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में जिला पंजीयन विभाग ने अप्रैल माह में 5 हजार 111 दस्तावेज पंजीकृत कर 27 करोड़ 57 लाख का राजस्व एकत्रित किया। इसी तरह मई माह में 7 हजार 905 रजिस्ट्री हुई। इससे विभाग को 44 करोड़ 74 लाख का राजस्व मिला। जून माह में विभाग ने 8 हजार 88 दस्तावेजों का पंजीयन किया, वहीं एक जुलाई से 29 जुलाई तक विभाग ने 7 हजार 293 रजिस्ट्रियाँ की, इससे विभाग को 40 करोड़ 87 लाख रुपए की आय अर्जित हुई हैं। कुल मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी पंजीयन विभाग की आय गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में लगभग 10 फीसदी ज्यादा हुई है।
प्रतिदिन हो रही एक से डेढ़ करोड़ की आय
आगामी 31 मार्च तक विभाग को 540 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर टारगेट पूरा करना है। इस साल की शुरूआत में विभाग ने रोजाना एक से डेढ़ करोड़ तक की आय रजिस्ट्री से प्राप्त हो रही है। पिछले साल रजिस्टार विभाग को 453 करोड़ का राजस्व रजिस्ट्रियों से प्राप्त हुआ था। इस साल विभाग को आगामी 31 मार्च तक रजिस्ट्रियों से 540 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य प्राप्त करना है। वरिष्ठ जिला पंजीयक ऋतुंभरा द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष 1 अप्रैल से लेकर 29 जुलाई तक विभाग ने रजिस्ट्रियों के जरिए 163 करोड़ के लगभग का राजस्व प्राप्त कर लिया है।
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