भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal gas tragedy) के बाद यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) के संयंत्र में पड़े कचरे (waste) के निष्पादन (disposal ) का मुद्दा लोकसभा में फिर उठा। भोपाल के सांसद आलोक शर्मा (Member of Parliament Alok Sharma) ने लोकसभा में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की मांग की। सांसद ने शून्यकाल में मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भारत की भीषणतम त्रासदी की तरफ आप सबका एक बार फिर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। यह भोपाल का नहीं पूरे देश का मुद्दा है। शर्मा ने कहा कि मैंने 1984 की 2-3 दिसंबर की रात को हुई भीषणतम त्रासदी को झेला है।
शर्मा ने बताया कि उस आधी रात को सभी लोग सो रहे थे, किसी को भनक नहीं थी कि कुछ होने वाला है। रात एक बजे के करीब सोते समय अचानक लोगों को खांसी चलने लगी। इस घटना में हजारों लोग मौत के आगोश में खो गए। उस रात के मंजर को मैंने अपनी आंखों से देखा था।
शर्मा ने कहा कि आज भी जहरीला कचरा उस जगह पर पड़ा है। उसका निष्पादन नहीं हो सका है। कीटनाशक बनाने वाली कंपनी यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड का 337 मीट्रिक टन कचरे का निष्पादन होना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में गठित ओवरसाइड कमेटी ने 126 करोड़ रुपये की धनराशि कचरे के निष्पादन के लिए उपलब्ध करा दी है। उन्होंने मंत्री जी को कचरा निष्पादन के लिए राशि उपलब्ध कराने और प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश देने की मांग की। बता दें, कचरे का निष्पादन इंदौर के पास पीथमपुर में ट्रीटमेंट स्टोरेज डिस्पोजल फैसेलिटी में होना है।
कचरे के निष्पादन की राशि कंपनियों से वसूल करें- गैस पीड़ित संगठन
गैस पीडित संगठन ने सांसद के कदम का स्वागत किया। संगठन की तरफ से कहा गया कि भोपाल सांसद ने जहरीले कचरे के निष्पादन के संबंध में सवाल तो उठाया। उन्होंने सांसद से सवाल करते हुए कहा कि 337 मीट्रिक टन कचरा पूरे कचरे का 1 प्रतिशत भी नहीं है। कचरा बाहर और अंदर दबा है। उसकी वजह से 42 बस्तियों का भूजल अत्यंत जहरीले रसायनों से प्रदूषित हुआ है। साथ ही उन्होंने मांग रखी कि इस कचरे के निष्पादन का पैसा यूनियन काबाईड और डाउ केमिकल से वसूल कयिा जाना चाहिए, जिन्होंने प्रदूषण फैलाया। उन्होंने सांसद से मांग की कि कंपनियों से पैसा वसूल करने केंद्र सरकार से पहल करने के प्रयास करें।
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