इंदौर। गरीब के घर जन्मी लाड़ली अब बोझ नहीं होगी। दूसरी संतान यदि लडक़ी पैदा हुई तो सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। गरीब मजदूर और दिव्यांग परिवारों को प्रसव के दौरान प्रथम संतान पर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना (Prime Minister’s Mother’s Prayer) का दायरा केंद्र सरकार ने बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं के 2.0 वर्जन को लागू करने जा रही है। सबसे पहली कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का दूसरा चरण प्रारंभ किया गया है। गरीब, निर्धन व मजदूर परिवार को होने वाली मजदूरी की हानि का भुगतान आधार कार्ड से जुड़े बैंक खातों में सीधे किया जाएगा। अब तक सरकार पहली डिलेवरी पर ही माताओं को योजना का लाभ देती आई है, लेकिन अब दूसरी डिलेवरी पर लाड़ली के जन्म पर सीधे खाते में 6000 रु. जमा किए जाएंगे।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार ने योजना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नकद प्रोत्साहन एवं द्वितीय प्रसव में बालिका का जन्म होने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 के अंतर्गत पहले प्रसव वाली गर्भवती महिलाएं एवं शिशुवती माताएं तथा द्वितीय प्रसव पर बालिका को जन्म देने वाली माताएं लाभ के लिए पात्र हैं। पात्र हितग्राही महिला को मजदूरी हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में मातृत्व लाभ की राशि उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा की जाएगी।
अब तक किस्तों में मिलती रही है राशि
योजना अनुसार गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन कराने वाली महिलाओं के साथ प्रसव पूर्व जांच छह माह के अंदर होने पर तीन हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। बच्चे के जन्म का पंजीकरण तथा बच्चे के प्रथम चक्र टीकाकरण पूर्ण होने पर दूसरी किस्त दो हजार रुपए दी जाती रही है। अब दूसरे बच्चे के जन्म पर लक्ष्मी आई तो सरकार प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर एकमुश्त राशि 6000 रुपए खाते में जमा कराएगी। द्वितीय चरण में यह राशि अलग-अलग किस्तों में देने के बजाय बालिका का जन्म होने के बाद ही हितग्राही के खाते में भेजी जाएगा।
ये होंगी पात्र
सरकार द्वारा निर्धारित की गई पात्रता श्रेणी के अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाएं, 40 प्रतिशत या पूर्णत: दिव्यांग महिलाएं, गरीबी रेखा, राशन कार्डधारी माहिलाएं, आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना की हितग्राही महिलाएं, ई-श्रम कार्डधारी महिलाएं, किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत लाभान्वित महिला हितग्राही, मनरेगा जॉब कार्डधारी महिलाएं, 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम पारिवारिक आय वाली महिलाएं तथा गर्भवती और धात्री आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। ज्ञात हो कि इस योजना के तहत हितग्राहियों के चयन और उनके पंजीकरण में इंदौर पूरे प्रदेश में नंबर वन बना हुआ है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किए जाने वाले सतत पंजीकरण से जिले की अधिक से अधिक महिलाएं इस लाभ के लिए योजना से जुडक़र पंजीकृत हो चुकी हैं।
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