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    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • July 29, 2024

    शानू के लिए पर्दे के पीछे से लगे भाजपा नेता
    भाजपा पार्षद शानू शर्मा पर लगे दुष्कर्म के कथित आरोप और एफआईआर होने के बाद चार नंबर के एक गुट को खुशी तो हो रही थी, लेकिन दूसरा गुट जल्द ही इस मामले में डेमेज कंट्रोल करने में जुट गया, क्योंकि मामला सीधे-सीधे चार नंबर की अयोध्या का था। खैर तरकीब काम कर गई और शानू शर्मा पर लगे आरोप में कोई दम न देख, अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत भी दे दी। हालांकि अभी तक पुलिसिया जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है, जो यह साबित कर सके कि पार्षद दोषी हंै। पुलिस की कार्रवाई भी शानू के लिए वरदान साबित हुई है और आरोप लगाने वाली फरियादी के मुकरने के बाद तो अब शानू को मानो जीवनदान मिल गया है, लेकिन इतने बड़े संगीन अपराध के बाद भाजपा की राजनीति पर तो सवाल खड़ा हो गया है।

    हींग लगी न फिटकरी और पौधे लग गए
    भाजपा के सभी पार्षदों को अपने क्षेत्र में पौधे लगाना थे। एक पार्षद ने अपने परिजन के दिवंगत की याद में नगर निगम से पौधे लिए और अपने क्षेत्र के एक स्थान पर लगा दिए। उसका नामकरण भी करवा दिया। विधायक के नजदीकी इस पार्षद की कारगुजारियों के किस्से आम हैं और पौधारोपण में भी उन्होंने दांव कर लिया। न हींग लगी न फिटकरी और पौधे भी लग गए और हमेशा के लिए वाहवाही भी हो गई।


    सोनकर पूरी तरह से हो गए जिलाबदर
    कभी भाजपा के दलित नेता के रूप में जाने जाने वाले सांवेर के पूर्व विधायक और भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे राजेश सोनकर अब पूर्ण रूप से जिलाबदर हो गए हैं। वैसे उनका निवास मुराई मोहल्ला में हैं, लेकिन सुबह से शाम तक का वक्त उनका अपनी सोनकच्छ विधानसभा में निकलता है। उनके बच्चे भले ही इंदौर में पढ़ रहे हों, लेकिन विधायकजी ने अपना एक घर और ऑफिस भी सोनकच्छ में तैयार कर लिया है।

    कांग्रेस में अनिश्चितता के कारण निष्क्रियता
    कांग्रेस के दोनों अध्यक्षों की रवानगी की खबरों के बीच इंदौर कांग्रेस ठंडी पड़ी हुई है। केवल बीच-बीच में होने वाले आंदोलनों को लेकर नेताओं में सक्रियता रहती है, लेकिन आगे होकर कोई कुछ नहीं करना चाहता। दरअसल यह सब दोनों अध्यक्षों की अनिश्चितता के बीच हो रहा है। दूसरे नेताओं का भी रटा-रटाया सा जवाब है कि जब नए अध्यक्ष आएंगे तब काम करेंगे। इसी चक्कर में मोर्चा और प्रकोष्ठ भही ठंडे पड़े हुए हैं। यूं भी कांग्रेस के किसी भी मोर्चा-प्रकोष्ठ में ऐसे कोई सक्रिय अध्यक्ष नहीं है, जिनके नाम पर शहर कांग्रेस का कोई बड़ा आंदोलन हो। कांग्रेस के बड़े नेता लगातार जान फूंकने का काम कर रहे हैं, लेकिन जब बड़े नेता आते हैं, तब तो सब सक्रियता दिखाते हंै और बाद में सब अपने-अपने काम-धंधों में लगे रहते हैं।

    श्रेष्ठा का जन्मदिन और बड़े नेताओं की मौजूदगी
    भाजपा नेत्री श्रेष्ठा जोशी हर साल अपना जन्मदिन अपने घर के सामने शिव मंदिर में मनाती रही हैं। तीन नंबर की इस नेत्री को एक नंबर में भी विधानसभा चुनाव में अहमियत मिली। जन्मदिन की बधाई देने आशा विजयवर्गीय और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के अलावा कांग्रेस और भाजपा के कई नेता भी पहुंचे। वैसे श्रेष्ठा फिलहाल किसी पद पर नहीं है, लेकिन बिना पद के इतने नेताओं को इकट्ठा कर लेना, उनके राजनीतिक भविष्य की ओर इशारा कर रहा है।

    पार्षद उपचुनाव की लेकर उत्साह नहीं
    वार्ड क्रमांक 83 के पार्षद कमल किशोर लढ्ढा के निधन को 6 महीने का समय होने को आया है, लेकिन इस सीट पर उपचुनाव कराने में किसी की भी दिलचस्प नजर नहीं आ रही है। दरअसल निगम की ओर से इस रिक्त स्थान को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचना देना होती है , लेकिन बताया जा रहा है कि अभी तक इस संबंध में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। भाजपा इस सीट को अपना मानकर चल रही है और कांग्रेसी है कि चुप बैठे हुए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि इस सीट को जीता नहीं जा सकता।


    कब पूरी होगी सैकड़ों प्लाटधारकों की आस
    ये कोई घोटाले वाले कालोनाइजरों की कहानी नहीं है, बल्कि उन लोगों की कहानी है, जो छोटे-छोटे प्लाट पर नक्शे को लेकर नगर निगम के गलियारों में भटकते रहते हैं। नगर निगम ने कुछ माह पहले ऐसे नक्शों को रोक दिया था, जबकि पहले यह एक निर्धारित शुल्क पर ऑनलाइन डाटा फार्म भरकर पास हो जाते थे। ऐसा नहीं है कि इसमें निगम की कमाई नहीं है, लेकिन निगम के कुछ पढ़े-लिखे अफसर इसमें अपना हाथ नहीं फंसाना चाहते। पिछले दिनों एमआईसी की बैठक में ये मुद्दा उठा और पुरानी व्यवस्था को चालू करने के लिए कहा गया, लेकिन आज 10 दिन होने के बाद भी अफसर टीएंडसीपी से अनुमति मिलने का टालकर प्लाटधारकों को लटकाए हुए हैं।

    पिछले सप्ताह भाजपा के एक पार्षद पर दर्ज हुए थे दुष्कर्म के मामले में पर्दे के पीछे ही एक पार्षद का खेल सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि एक दूसरा गुट उन्हें बचाने में लग गया है। जब टिकट वितरण हो रहे थे तब क्षेत्र के सक्रिय लोगों को दरकिनार कर दुष्कर्म के आरोप में गिरे पार्षद को टिकट दे दिया गया था। आरोप लगाने वाले तो कह रहे हैं कि उनका अवैध कालोनी काटने वालों के साथ उठना बैठना भी है और इसमें कई खुलासे हो सकते हैं।
    -संजीव मालवीय

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