नई दिल्ली. भारत (India) और मालदीव (Maldives) के संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल (Tourism Minister Ibrahim Faisal) आज से भारत के दौरे पर हैं. इस दौरान वह भारतीय सैलानियों (The Indian tourists) को लुभाने के लिए कई शहरों में रोड शो करेंगे.
इस संबंध में मालदीव सरकार ने वेलकम इंडिया कैंपेन का खाका तैयार किया है, जिसके तहत भारतीय सैलानियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मालदीव आने की अपील की जाएगी. इस कैंपेन के तहत मालदीव के पर्यटन मंत्री भारत के तीन प्रमुख शहरों में रोड शो में शिरकत करेंगे. ये रोड शो दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में होंगे. इस कैंपेन का उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच पर्यटन संबंधों को और मजबूत करना है. इससे पहले इस साल मई महीने में मालदीव के पर्यटन मंत्री ने भारतीय सैलानियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मालदीव आने की अपील की थी.
मालदीव पहुंचने वाले भारतीय सैलानियों की संख्या 42 फीसदी घटी
मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या तेजी से कम हुई. इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 42 फीसदी की गिरावट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव काफी पसंदीदा जगह थी. लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या कम हो गई. पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 42,638 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की. जबकि, पिछले साल इन्हीं चार महीनों में 73,785 भारतीय पर्यटक मालदीव पहुंचे थे.
कम हुई पर्यटकों की संख्या?
मीडिया ने भारत-मालदीव तनाव और भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट के लिए मुइज्जू सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने थे. तब से ही भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव है. मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था. सत्ता में आने के बाद मुइज्जू ने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा उठाया था. मालदीव में 88 भारतीय सैनिक थे. अब इन सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है.
भारत और मालदीव के बीच कैसे शुरू हुआ तनाव?
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.
दोनों देशों के इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के पांच दिन के राजकीय दौरे पर चले गए थे. इस दौरे से लौटने के बाद मुइज्जू लगातार भारत पर निशाना साधते रहे.
मुइज्जू ने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है.
इसके बाद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने को कहा था. बता दें कि चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया था.
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