नई दिल्ली(New Delhi) । भारतीय स्पिनर रवि बिश्नोई (Spinner Ravi Bishnoi)श्रीलंका के खिलाफ (against sri lanka)पहले टी20 इंटरनेशनल मैच (T20 International Matches)में अपने कोटे का आखिरी ओवर(Last over) फेंकने के लिए आए। उनको उस ओवर की पहली गेंद पर विकेट मिलना था, लेकिन गंभीर चोट का निशान मिला। कैच पकड़ते समय वे चोटिल हो गए। मैदान पर फीजियो को बुलाना पड़ा और उनको बैंडेज भी लगाई गई। वे मैदान से बाहर नहीं गए और गेंदबाजी जारी रखी और आखिरी गेंद पर विकेट लिया।
दरअसल, पल्लेकेले में खेले जा रहे पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में श्रीलंका की पारी का 17वां ओवर प्रगति पर था। रवि बिश्नोई गेंदबाजी करने के लिए आए। उनके कोटे का ये आखिरी ओवर था। पहली गेंद पर उन्होंने कमिंदु मेंडिस को फंसा लिया था। मेंडिस ने शॉट मारा, लेकिन गेंद रवि बिश्नोई के दाहिने ओर आई। वे ओवर द विकेट गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन गेंद दूसरी तरफ आई, जहां नॉन स्ट्राइकर था।
रवि बिश्नोई ने कैच पकड़ने की कोशिश की और गेंद और हाथ का संपर्क भी हो गया था, लेकिन गेंद उनके हाथ से लेकर उनकी बाईं आंख के नीचे लगी और चेहरे पर चोट लग गई। थोड़ा बहुत ब्लड भी निकला होगा, क्योंकि जल्द ही फीजियो ने बैंडेज लगा दी। कुछ ही मिनटों के बाद वे फिर से गेंदबाजी के लिए तैयार थे। उन्होंने अपने ओवर की पांचों गेंद फेंकने का फैसला किया और इसमें वे सफल रहे।
इसी ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होने विकेट भी लिया, जो उनका इस मैच में पहला और एकमात्र विकेट था। उन्होंने विपक्षी टीम के कप्तान चरिथ असलंका को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया। असलंका का कैच यशस्वी जायसवाल ने पड़ा। रवि बिश्नोई ने अपने कोटे के चार ओवरों में कुल 37 रन दिए और एक विकेट लिया। ये पिच बल्लेबाजी के लिहाज से अच्छी थी। इसलिए थोड़े ज्यादा रन उनके ओवरों में गए।
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