विशाखापत्तनम। गुरुवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला, जो चौंकाने वाला रहा। दरअसल सीएम चंद्रबाबू नायडू के आह्वान पर करीब 160 विधायक अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गए। दरअसल सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अपील की थी कि जिन नेताओं के खिलाफ पिछली वाईएसआर सरकार में मामले दर्ज किए गए थे, वो खड़े हो जाएं, बस फिर क्या था एकाएक 160 के करीब विधायक खड़े हो गए।
खड़े होने वालों में खुद सीएम चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण समेत स्पीकर सी अयन्ना पत्रादु भी शामिल रहे। हालांकि स्पीकर खड़े होकर तुरंत बैठ गए। सत्तापक्ष के सिर्फ पांच विधायक ही इस दौरान बैठे रहे और ये पांचों विधायक वाईएसआरसीपी के थे। नायडू ने इस दौरान पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर बदले की राजनीति के तहत पुलिस और सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। सीएम चंद्रबाबू नायडू पर खुद स्किल डेवलेपमेंट कॉपरेशन में कथित घोटाले के आरोप हैं। बीते साल 9 सितंबर को टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया गया था। नायडू 53 दिनों तक जेल में रहे और बाद में जमानत पर रिहा हुए।
वाईएसआरसीपी की सरकार के दौरान डिप्टी सीएम और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण, नारायणा ग्रुप के संस्थापक पी नारायणा, टीडीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अतचन्नायडू, सीएम नायडू के बेटे नारा लोकेश समेत टीडीपी के कई वरिष्ठ नेता, जनसेना के कई विधायक और भाजपा के विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि 591 टीडीपी नेताओं के खिलाफ जगन मोहन रेड्डी की सरकार में मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 162 नेता गिरफ्तार किए गए। दस्तावेज में ये भी दावा किया गया कि जनसेना के 24 और भाजपा के 16 और कांग्रेस के 12 नेताओं के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए थे। जिस समय सीएम ने यह दस्तावेज विधानसभा में पेश किया, उस दौरान पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी विधानसभा में मौजूद नहीं थे।
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