नई दिल्ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने प्राइवेट सेक्टर (private sector)की एयरलाइन स्पाइसजेट (Airline SpiceJet)को बड़ी राहत (Big relief)दी है। दरअसल, कोर्ट ने स्पाइसजेट के खिलाफ सन ग्रुप और काल एयरवेज(Sun Group and Kal Airways) के प्रमोटर कलानिधि मारन की याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका के जरिए स्पाइसजेट के पक्ष में दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने स्पाइसजेट द्वारा मारन को ₹270 करोड़ वापस करने का निर्देश देने वाली एकल-पीठ के आदेश को पलट दिया था। इसी के बाद कलानिधि मारन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। स्पाइसजेट के शेयर की बात करें तो शुक्रवार को यह 57.62 रुपये पर था।
क्या कहा कोर्ट ने
अब सुप्रीम कोर्ट ने खंडपीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए मामले को नए सिरे से विचार के लिए नए एकल बेंच को भेज दिया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने पिछले एकल पीठ के आदेश की आलोचना करते हुए इसे क्रूर बताया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 के तहत मामले की अपर्याप्त हैंडलिंग को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने नए एकल न्यायाधीश द्वारा मामले की गहन पुनर्विचार की आवश्यकता पर जोर दिया।
क्या है मामला
बता दें कि मई 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने स्पाइसजेट के एमडी अजय सिंह की याचिका पर एक आदेश पारित किया था। इसके तहत एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को रद्द कर दिया था। आदेश में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के उस निर्णय को बरकरार रखा गया था, जिसमें स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को ब्याज के साथ मोटी रकम मारन को वापस करने के लिए कहा गया था। पीठ ने 31 जुलाई 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की अपील को स्वीकार कर लिया और मध्यस्थता न्यायाधिकरण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित अदालत में वापस भेज दिया था।
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