नई दिल्ली(New Delhi) । भाजपा (B J P)नेतृत्व अपने संगठनात्मक चुनाव(Organizational elections) के साथ कुछ राज्यों के संगठन में भी बदलाव (Changes in the organisation too)कर सकती है। इनमें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)भी शामिल है, जहां लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के भीतर काफी बयानबाजी भी हो रही है। इस बीच भाजपा नेतृत्व ने सभी राज्यों के संगठन मंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया है। अब मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में भी चर्चा की जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक के साथ होने वाली समन्वय बैठक इस दिशा में काफी अहम होगी।
भाजपा की संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया सदस्यता अभियान के साथ शुरू होने जा रही है, लेकिन महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। इन राज्यों में पार्टी का पूरा फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर रहेगा। बाकी राज्यों में पार्टी नए सदस्यता अभियान के साथ संगठन का पुनर्गठन करेगी। इसमें मंडल, जिला और प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव शामिल है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी किया जाना है। हालांकि, इसके पहले ही पार्टी कई राज्यों के नेतृत्व में बदलाव कर सकती है। इनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है।
यहां पर लोकसभा के नतीजे के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद ही नैतिक आधार पर इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। इसके अलावा, राज्य के बड़े नेताओं के बीच भी लगातार बयानबाजी हो रही है। भाजपा नेतृत्व ने गुरुवार रात बिहार और राजस्थान में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति का थी।
सूत्रों के अनुसार, कुछ और राज्यों में भी नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकते हैं। खासकर उन राज्यों में जहां पार्टी को भविष्य में संगठन की दृष्टि से अपनी तैयारी बेहतर करनी है। हालांकि, इन नियुक्तियों से पार्टी के संगठन चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। संगठन चुनाव में इन राज्यों में नए अध्यक्ष फिर से चुने जा सकते हैं। इनमें से कुछ राज्यों में जहां फिलहाल नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनको ही बरकरार रखा जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ 31 जुलाई से तीन दिन तक केरल में होने वाली समन्वय बैठक के बाद पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ बदलाव होने की संभावना है। फिलहाल, पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में ही काम कर रही है। लेकिन, पार्टी का एक वर्ग लगातार कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग कर रहा है। अब यह संघ के साथ समन्वय बैठक के बाद ही तय होगा कि पार्टी आगामी संगठनात्मक चुनाव पूरे होने तक किसी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति करे या तब तक नड्डा के नेतृत्व में ही आगे बढ़े।
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