डेस्क: केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंदी संजय ने तेलंगाना सरकार के बजट को लेकर कांग्रेस और रेवंत रेड्डी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार के बजट ने राज्य के लोगों को ‘गद्दीदा गुद्दू’ (गधे का अंडा) के साथ छोड़ दिया है. जो कि अस्तित्व में नहीं है.
गुरुवार को तेलंगाना के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मल्लू भट्टी विक्रमर्क ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.91 लाख करोड़ का बजट पेश किया है. इस बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए करीब 3003 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है. इससे पहले BRS सरकार ने पिछले साल अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2200 करोड़ रुपए आवंटित किए थे.
तेलंगाना में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए आवंटित की गई राशि केंद्र सरकार के बजट के बराबर है. मोदी सरकार ने भी केंद्रीय बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए कुल 3183.24 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है. जो कि पिछले बजट की तुलना में 574.31 करोड़ रुपये अधिक है. मोदी सरकार ने बजट में प्रस्तावित 3183.24 करोड़ रुपये में से 1575.72 करोड़ रुपये अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए रखा है. इसके अलावा करीब 1500 करोड़ रुपये अल्पसंख्यकों के प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवंटित की गई है.
तेलंगाना सरकार ने अपने बजट में एक ओर अल्पसंख्यकों के लिए खजाना खोल दिया है तो वहीं दूसरी तरफ ST-SC विभागों के बजट में कटौती की है. ST-SC कल्याण विभाग के बजट में रिकॉर्ड कटौती करते हुए 7638 करोड़ कर दिया है, जो कि पिछली सरकार में करीब 21072 करोड़ रुपए था. यही नहीं आदिवासी कल्याण विभाग के बजट को भी 4365 करोड़ से घटाकर 3969 करोड़ कर दिया है.
रेवंत सरकार के बजट पर केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने 6 ‘गारंटियों’ के लिए आवंटित रकम का विवरण बताए बिना ही बजट पेश कर दिया है. उन्होंने कहा है कि किसानों को हुए नुकसान से कैसे निपटा जाएगा राज्य सरकार ने इसे भी स्पष्ट नहीं किया है.
मुस्लिम समुदाय के पवित्र माह रमजान के लिए आवंटित 33 करोड़ रुपये पर भी बंदी संजय ने आपत्ति जताई है. उन्होंने तेलंगाना सरकार से पूछा है कि हिंदू त्योहारों के लिए कोई पैसा क्यों नहीं दिया गया. बंदी संजय ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सत्ता में आने के बाद सरकार ने 31 हजार सरकारी पदों को भरने का दावा किया है, लेकिन वास्तव में केवल 12 हजार खाली पदों को भरने के लिए अधिसूचना जारी की गई है.
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