नई दिल्ली: भारत एक युवा देश है, जिसकी आबादी लगभग 130 करोड़ है. पूरी दुनिया में भारत की आबादी सबसे ज्यादा है, जिसके बाद चीन का नंबर है. भारतीय सरकार जहां अपनी आबादी को नियंत्रित करने के लिए काम कर रही है वहीं तकनीक में मास्टर एक ऐसा देश है जिसकी घटती आबादी उस के लिए मुश्किल बनती जा रही है. दुनिया का वो देश जो तेजी से तकनीक में आगे बढ़ता जा रहा है और इस ने अमेरिका तक को पीछे छोड़ दिया है, वो आबादी की समस्या का सामना कर रहा है.
ईस्ट एशिया का देश जापान, जो अपनी तकनीक के लिए जाना जाता है, लेकिन इस देश के लिए अब एक बड़ी समस्या सामने खड़ी हो गई है. जापान की आबादी इस के लिए बड़ी मुश्किल बनती जा रही है. दिन-ब-दिन जापान की आबादी घटती जा रही है. जहां एक तरफ बर्थ रेट (जन्म दर) घट रहा है वहीं दूसरी तरफ डेथ रेट (मृत्यु दर) बढ़ता जा रहा है.
इस समय हर देश विकास और ग्रोथ की रेस में सबसे आगे निकलने के लिए काम कर रहा है, इसी के चलते जापान के लोग घर-परिवार न बसा कर, बच्चे पैदा करने से बचते हुए, काम-नौकरी पर ध्यान दे रहे हैं और उसी दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन इसी के चलते आने वाले समय में जापान की ग्रोथ की रफ्तार थम सकती है. जापान की सरकार ने इस परेशानी को हल करने के लिए कपल को बच्चे पैदा करने के लिए स्पेशल बजट भी लॉन्च किया लेकिन उस का फायदा भी नहीं हुआ.
जापान में एक बार फिर आबादी घट रही है, जो देश के लिए बड़ी चुनौती और मुश्किल बन रही है. एक तरफ देश का डेथ रेट बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ बर्थ रेट घट रहा है. जापान की सरकार ने बुधवार को देश की जनसंख्या को लेकर एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक, जापान की कुल आबादी में लगातार 15वें साल गिरावट दर्ज की गई है, देश में घटते बर्थ रेट और बढ़ते डेथ रेट के चलते पांच लाख से अधिक लोगों की गिरावट आई है.
जापान में बर्थ रेट साल दर साल घटता जा रहा है. इस बार बर्थ रेट में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई. जापान में जन्म दर में पिछले वर्ष लगभग 7 लाख गिरावट दर्ज की गई थी. साथ ही पिछले वर्ष 1.58 मिलियन मौतें भी दर्ज की गई थी. 1 जनवरी को जापान की जनसंख्या 124.9 मिलियन थी. आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने जो रिपोर्ट जारी की है उससे पता चलता है कि देश में विदेशी निवासियों की आबादी में 11% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे देश की आबादी में पहली बार 3 मिलियन से ज्यादा की बढ़त हुई है. जापान में विदेशी नागरिक अब कुल आबादी का लगभग 3% हैं और ज्यादातर 15 से 64 वर्ष की कामकाजी उम्र के हैं.
सर्वे में सामने आया है कि जापान में युवा शादी करना नहीं चाहते हैं और अगर वो शादी कर भी लेते हैं तो वो बच्चे पैदा करना नहीं चाहते हैं. जापान में महिलाओं का रुझान नौकरी और काम की तरफ ज्यादा है जिसके चलते बच्चे उन को एक जिम्मेदारी लगते हैं. महिलाओं का मानना है बच्चे पैदा करने के बाद उन्हें मां की जिम्मेदारी निभानी होती है, जिससे उन का ध्यान उन के काम पर कम हो जाता है. साथ ही कॉर्पोरेट कल्चर में कामकाजी मां को नौकरी अकसर मुश्किल से ही मिलती है जिन कारणों के चलते महिलाएं बच्चे पैदा नहीं करना चाहती है.
जापान में जिस तरह धीरे-धीरे बर्थ रेट में गिरावट आ रही है और डेथ रेट बढ़ता जा रहा है, यह आने वाले समय में बड़ी मुश्किल बन सकता है. आने वाले समय में जापान की युवा आबादी घट जाएगी. इस मुश्किल को भांपते हुए जापान की सरकार ने एक प्लान तैयार किया. सरकार ने 2024 के बजट में बच्चों के जन्म के लिए एक स्कीम सामने रखी. सरकार ने युवा जोड़ों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए बहुत बड़ा स्पेशल बजट लॉन्च किया जिसकी कीमत 34 बिलियन डॉलर निर्धारित की गई है. इस बजट के तहत बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है.
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