नई दिल्ली (New Delhi)। जम्मू कश्मीर (J&K) में धारा 370 हटने के बाद काफी बड़े बदलाव दिख रहे हैं। अब जम्मू कश्मीर (J&K) में पहले की तुलना में बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। अब कश्मीर में साइनबोर्ड (sign board) भी हिंदी में लगने लगे हैं। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को काफी आसानी हो रही है। स्मार्ट सिटी श्रीनगर में पर्यटकों की राह आसान करने के लिए श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (SSCL) ने पहल शुरू की है।
गृहमंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़े के मुताबिक, साल 2023 और 15 जुलाई 2024 तक जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाज़ी की एक भी घटना नहीं घटी. जबकि 2018 में organized stone pelting के 1328 वारदातें सामने आई थी. वहीं, आतंकवादियों द्वारा अंजाम दी गई वारदातो में भी कमी आई है. 2018 में 228 घटनाओं को आतंकियों ने अंजाम दिया वहीं 2023 में 46 और 15 जुलाई 2024 तक आतंक की 11 वारदातें घटी हैं.
गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू कश्मीर में 2018 में 189 एनकाउंटर हुए वहीं 2023 में 48 और 15 जुलाई 2024 तक 21 एनकाउंटर हुए. साल 2018 में सुरक्षाबलों के 91 जवान शहीद हुए, वहीं 2023 में 30 और 15 जुलाई 2024 तक 10 जवानों की शहादत हुई है. इसके साथ ही अलग-अलग घटनाओं में एक ओर जहां 2018 में 55 आम नागरिक मारे गए वहीं 2023 में 14 और 15 जुलाई 2024 तक 14 आम नागरिकों की मौत हुई है.
SSCL की पहल के बाद श्रीनगर में घूमने आने वालों को रास्ते जानने में काफी आसानी होगी। इसका फायदा लोकल निवासियों को भी होगा। शहर की सड़कों पर लगाए गए इन बोर्ड की मदद से वे आसानी से पर्यटन स्थलों और अन्य स्थानों पर पहुंच सकते हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से लगाए गए ज्यादातर साइनबोर्ड पर लिखे गए नामों में गलतियां हैं। हालांकि इसे सुधारने की प्रक्रिया जारी है। छानापोरा को चनापोरा, नौहट्टा को नौहाटा, सोवरा को सौरा, नटिपोरा को नाटिपोरा और सैदा कदल को सैदा कादल लिखा गया है, जिसे सही किया जाएगा।
2019 में धारा 370 को हटाया गया था
जम्मू कश्मीर से वर्ष 2019 में ही धारा 370 को हटाया गया था। इसके बाद से कश्मीर में कई बड़े बदलाव आए हैं। आर्टिकल 370 को हटाने के बाद जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था और उसके बाद से ही वहां पर कोई सरकार नहीं है। बल्कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशासन देख रहे हैं। जम्मू कश्मीर में G20 समिट की एक मीटिंग भी हुई थी, जिस पर चीन और पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी लेकिन भारत पीछे नहीं हटा था और वहां पर विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जम्मू कश्मीर का दौरा किया था।
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