नई दिल्ली (New Delhi)। अगर आप क्रिकेट के शौकीन (Cricket enthusiast)हैं तो आपने कभी-न-कभी क्रिकेट (Cricket)खेला भी होगा। खासकर गली क्रिकेट, जहां नियम बड़े (Rules are big)ही अलग होते हैं। जैसे कि नाली में गेंद चली गई तो आउट, पड़ोस वाली आंटी की बालकनी में गेंद चली गई तो नई गेंद बल्लेबाज लेकर आएगा या बाउंड्री पार होने जाने पर बल्लेबाज आउट…ना जाने ऐसे कितने नियम हैं, जो हर गली में अलग-अलग होते हैं। ऐसा ही एक नियम इंग्लैंड के सदियों पुराने क्रिकेट क्लब को अपनाना पड़ रहा है। क्लब ने बल्लेबाजों के छक्का लगाने पर बैन लगा दिया है और नए नियम की घोषणा कर दी है।
दरअसल, इंग्लैंड में एक 234 साल पुराना क्रिकेट क्लब है, जिसका नाम साउथविक एंड शोरहम क्रिकेट क्लब है, जो वेस्ट ससेक्स में चलता है। इस क्लब का एक ग्राउंड है, जो आबादी से घिरा हुआ है। आए दिन यहां से कंप्लेंट आती हैं कि किसी के घर का शीशा टूट गया, किसी की कार का शीशा टूट गया, किसी के शेड्स टूट गए और ना जाने कितने ही अन्य नुकसानों की शिकायत क्लब से की जाती है। इससे थक हारकर क्लब ने छक्के लगाने पर ही बैन लगा दिया है, क्योंकि गेंद के बाउंड्री के पार जाने पर अक्सर लोगों का नुकसान हो जाता है।
इस क्रिकेट क्लब ने गली क्रिकेट वाला नियम अपनाया है। हालांकि, थोड़ी सी रियायत अभी भी दी है। क्लब का कहना है कि अब से कोई छक्का मारेगा तो एक बार माफी मिलेगी, लेकिन दूसरी बार उसे आउट समझा जाएगा। 1790 में इस क्लब की स्थापना हुई थी। द देलीग्राफ को वहां के एक लोकल 80 साल के निवासी ने बताया, “यह एक बहुत छोटा मैदान है और इसमें युवाओं को जगह नहीं मिल सकती, जो यहां आकर गेंद को यथासंभव दूर तक मारना चाहते हैं।”
वहीं, एक क्लब प्लेयर ने कहा, “गेंदबाज को छक्का मारना खेल की शान का हिस्सा है। आप इस पर प्रतिबंध कैसे लगा सकते हैं? यह हास्यास्पद है। इसे हटाने से इसका आनंद खत्म हो जाएगा।” एक अन्य खिलाड़ी ने कहा, “आजकल सब कुछ स्वास्थ्य और सुरक्षा पर आधारित है और बीमा कंपनियां दुर्घटनावश होने वाली क्षति या दर्शकों को चोट लगने की स्थिति में खेल क्लबों को मुआवजा देने के लिए भारी भरकम शुल्क ले रही हैं।”
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