नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress president Mallikarjun Kharge) के आवास पर सहयोगी दलों की बैठक में शनिवार को होने वाली नीति आयोग (Policy Commission) की बैठक के बहिष्कार पर भी चर्चा हुई। इस दौरान सपा (SP) को छोड़ कर गठबंधन के सभी सहयोगियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। टीएमसी (TMC) सूत्रों ने बताया कि बिहार व आंध्र (Bihar and Andhra Pradesh) को छोड़कर ज्यादातर राज्यों की अनदेखी पर चर्चा हुई। क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भी अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन पर सहमति बनी। नीति आयोग की आगामी बैठक के बहिष्कार का प्रस्ताव टीएमसी ने रखा, जिसका डीएमके ने समर्थन किया। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ।
निर्मला का जवाब : सरकार किसी से नहीं करती भेदभाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष का आरोप खारिज करते हुए कहा कि बजट में सभी राज्यों को धन मुहैया कराया गया है। सरकार किसी से भेदभाव नहीं करती। निर्मला ने कहा, जिनके गठबंधन को 230 से कम सीटें मिलीं, उन्हें सवाल उठाने का अधिकार नहीं है। सभी राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की सहायता का प्रावधान किया गया है। हमें सभी राज्यों से प्रस्ताव मिलते हैं और उचित प्रक्रिया के तहत उनकी परियोजनाओं को वित्तपोषित करने का प्रयास करते हैं।
केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया गया। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की 27 जुलाई की नीति आयोग की बैठक को पार्टी के मुख्मयंत्री बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस के इस निर्णय में तमिलनाडु सीएम ने भी सहमति जताई है। मंगलवार शाम को कांग्रेस ने घोषणा की कि पार्टी के मुख्यमंत्री – सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), और सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) 27 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक इसके बाद अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस विरोध में शामिल होकर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया।
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