नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा कि 172000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय (Capital Outlay of Rs. 172000 Crore) सशस्त्र बलों की क्षमताओं (Capabilities of the Armed Forces) को और मजबूत करेगा (Will further Strengthen) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पे श आम बजट में कई बड़े ऐलान के साथ तमाम मंत्रालयों के लिए धन का आवंटन किया गया है।
इसी कड़ी में राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय को आवंटित बजट के लिए मोदी सरकार का आभार जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जहां तक रक्षा मंत्रालय के आवंटन का सवाल है, मैं 6,21,940.85 करोड़ रुपये का उच्चतम आवंटन देने के लिए वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है। 1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा। घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये निर्धारित करने से आत्मनिभर्रता को और गति मिलेगी।
उन्होंने आगे लिखा, “मुझे खुशी है कि सीमा सड़कों को पूंजीगत मद के तहत पिछले बजट की तुलना में आवंटन में 30 प्रतिशत की वृद्धि दी गई है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को और गति देगा। रक्षा उद्योगों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेटर्स द्वारा दिए गए तकनीकी समाधानों को वित्तपोषित करने के लिए आईडीईएक्स योजना के लिए 518 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “वित्त वर्ष 2024-25 बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई। यह बजट एक समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। समावेशी और तेज गति वाले विकास की दृष्टि से यह बजट भारत के आर्थिक परिवर्तन को गति देगा। यह बजट कई मायनों में अद्वितीय है और सर्वांगीण और समावेशी विकास के लिए एनडीए सरकार की 9 प्रमुख प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “यह बजट 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के समर्थन के लिए कई नीतियों और कार्यक्रमों की भी घोषणा की गई है। बुनियादी ढांचे, कृषि, बैंकिंग, ऊर्जा, उद्योग, अनुसंधान एवं विकास, एमएसएमई और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।”
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