नई दिल्ली (New Delhi)। यूपी विधानसभा (UP Assembly)में सपा नेता प्रतिपक्ष (SP Leader of Opposition)का पद अपने किसी दलित विधायक(Dalit legislators) को दे सकती है। अगर ऐसा हुआ तो पहली बार कोई दलित वर्ग से आने वाला शख्स नेता प्रतिपक्ष होगा। इस पद के लिए अब सपा के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे है। वह पासी बिरादरी से आते हैं।
विधान परिषद में सपा ने लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष पद पर बिठाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अब सबकी निगाहें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर लग गई हैं। इस पद के लिए इंद्रजीत सरोज के अलावा ओबीसी वर्ग से राम अचल राजभर का नाम भी चर्चा में है। जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और पूर्व नेता प्रतिपक्ष शिवपाल यादव भी इस पद के दावेदार बताए जाते हैं।
लेकिन विधान परिषद में लाल बिहारी यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने से अब शायद किसी दूसरे यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने से सपा संभवत: परहेज करेगी। जबकि पीडीए के तहत वह दलित कार्ड खेल सकती है। सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि सपा पीडीए से आने वाले विधायक को ही नेता प्रतिपक्ष का दायित्व देगी। इसी 29 जुलाई से विधानमंडल सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर जल्द निर्णय होगा।
लाल बिहारी परिषद में नेता प्रतिपक्ष बने
विधान परिषद में सपा से वरिष्ठ सदस्य नेता प्रतिपक्ष बनाये गये हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यादव को नेता विरोधी दल नामित करने के अलावा विधान परिषद के सदस्य किरनपाल कश्यप को सदन में मुख्य सचेतक तथा आशुतोष सिन्हा को सचेतक नामित किया है। इसके अलावा जासमीर अंसारी को सदन में उपनेता के रूप में नामित किया है।
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