नई दिल्ली (New Delhi) । भारत (India) का रक्षा सामग्री निर्माण (Defense Material Manufacturing) क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। साल दर साल बढ़ते रक्षा सामग्री के निर्यात ने भारत की आर्थिक तरक्की में भी अपना योगदान दिया है। भारत ने साल 23-24 में अपने रक्षा निर्यात (Defence Exports) में एक नया कीर्तिमान बनाते हुए, पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारत ने इस साल करीब 2.5 बिलियन डॉलर कीमत की रक्षा सामग्री का निर्यात किया है। भारत के हथियारों की गुणवत्ता पर अब दुनिया को भी भरोसा हो रहा है।
कल सोमवार को जारी किए गए इकनॉमिक सर्वे के अनुसार भारत की लगभग 100 निजी कंपनियां दुनिया भर में अपने रक्षा सामग्री के सामानों का निर्यात कर रही हैं। इनमें ड्रोनियर-228 एयर क्राफ्ट, आर्टिलरी गन्स, ब्रम्होस सुपर सोनिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, पिनाका मल्टी रॉकेट लॉंचर सिस्टम, रडार, सिमूलेटर्स और आर्म्ड व्हीकल्स शामिल हैं।
लगातार बढ़ रहा है भारत का रक्षा निर्यात
22 में भारत का रक्षा निर्यात करीब 1.7 बिलियन डॉलर रहा था, जबकि 23 में यह करीब 2 बिलियन डॉलर रहा। इस साल यह बढ कर करीब 2.5 बिलियन डॉलर हो गया है और इस आंकड़े को हासिल करने के बाद भारत अब दुनिया के उन 25 देशों में शामिल हो गया है, जो हथियारों का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट करते हैं। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं , ऐसे में इस क्षेत्र में लगातार वृद्धि होने के आसार है।
सरकार ने हथियारों के खरीदारों के नाम नहीं किए सार्वजनिक
सरकार ने अभी तक खरीदार देशों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं लेकिन अर्मेनिया हमारे हथियारों का सबसे बड़ा बाजार बन कर सामने आया है। अर्मेनिया के साथ भारत ने पिनाका रॉकेट, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की डील की थी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत का इस साल का रक्षा सामग्री उत्पादन 1.26 लाख करोड़ की कीमत का रहा, जो कि पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।
भारत अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। 2019 से 23 के बीच में दुनिया भर के करीब बिकने वाले हथियारों का करीब 10 प्रतिशत भारत ने खरीदा है। लेकिन हथियारों को खरीदने वाला देश अब हथियारों को बेचना भी शुरू कर चुका है। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बेहतर बात है।
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