परिषद की बैठक में एमआईसी मेम्बर ने उठाया सवाल…ऐसे तो भ्रष्टाचार करने वाले बचते रहेंगे
इंदौर। गरीबों (poor ) और जरूरतमंदों (needy) को योजना का लाभ दिलाने के नाम पर झोन (zones) पर पिछले एक साल में भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले पकड़े थे, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो पाई। कल महापौर परिषद (Mayors’ Council) की बैठक में विभाग के अध्यक्ष और एमआईसी (MIC) सदस्य ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहेगा। इस पर महापौर ने कमिश्नर से कहा कि इन लोगों पर कार्रवाई की जाएं।
योजनाओं को लेकर बहुत कम लोगों को जानकारी होती है और इसका लाभ झोन पर काम करने वाले कर्मचारी उठाते हैं। ये छोटी-छोटी भ्रष्टाचार की घटनाएं कभी-कभी बड़ी भी हो जाती है। विभाग के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने पिछले एक साल में ऐसी कई घटनाओं पर क्षेत्रीय पार्षद के साथ जाकर पकड़ा और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन अभी तक उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर कल बैठक में शर्मा भडक़ उठे। उन्होंने कहा कि मैंने 12 नंबर झोन पर संबल योजना में 2 लाख रुपए दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपाए मांगने वाले सुनील वर्मा को पकड़ा था और उस पर कार्रवाई करने के लिए कहा था, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई, वहीं 1 नंबर झोन पर क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला के साथ कामकाजी महिलाओं के कार्ड के नाम पर 10 रुपए फीस की बजाय 60 से 70 रुपए मांग रहे थे। 8 नंबर झोन की एकल खिडक़ी पर एमपी ऑनलाइन वालों को बिठा रखा था जो गलत हैं। ऐसे ही 12 नंबर झोन पर पीएम स्वनिधि का काम देखने वाली प्रभा भास्कर पर भी कार्रवाई के लिए कहा था। 10 नंबर झोन पर पार्षद प्रणव मंडल के साथ कामकाजी महिला का 1200 रुपए में फर्जी कार्ड बनाते लोगों को पकड़ा था, जिस पर झोनल अधिकारी की साइन तक नहीं था। शर्मा ने कहा कि ऐसी घटना पर अधिकारी मुंह और आंख बंद कर बैठ जाते हैं, जिससे ऐसे लोगों को बढ़ावा मिलता है।
अब एनआरवाय प्रभारी को महीने में 30 लीटर पेट्रोल मिलेगा
गरीबी उपमशन विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को अब 30 लीटर पेट्रोल प्रतिमाह मिलने लगेगा। दरअसल हर वार्ड में इस विभाग के प्रभारी बनाए गए हैं, जो पात्रों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाते हैं और जानकारी देते हैं। इन्हें कई बार दिव्यांगों, बुजुर्गों के घर भी जाना पड़ता है और वार्ड में घूमकर योजनाओं का प्रचार करना पड़ता है। इसी को लेकर कल एमआईसी की बैठक में इन्हें प्रतिदिन 1 लीटर पेट्रोल देने पर सहमति दी गई है।
एमआर 4 शास्त्री ब्रिज तक बनाना संभव नहीं
सामान्य प्रशासन विभाग प्रभारी नंदू पहाडिय़ा ने कहा कि जिन भी अधिकारियों ने एमआर 4 का प्लान बनाया था, उन्होंने जमीनी हकीकत नहीं देखी। यह सडक़ शस्त्री ब्रिज तक बनना है, लेकिन राजकुमार ब्रिज के बाद इतनी जगह नहीं है कि इसे 45 मीटर चौड़ा बनाया जा सके, क्योंकि एक ओर हाईराइज बिल्डिंग है और दूसरी ओर रेलवे स्टेशन। इसलिए मास्टर प्लान में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्लान जमीनी हकीकत को देखकर ही बनाए जाए।
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