नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) का कहना है कि अगर हिंसाग्रस्त बांग्लादेश (Violence-hit Bangladesh) के लोग दरवाजा खटखटाने आएंगे तो वह उन्हें शरण देंगी. उन्होंने कहा कि अगर लोग मजबूर होकर बंगाल आएंगे तो उन्हें जगह दी जाएगी और रहने दिया जाएगा. सीएम ने इसके लिए यूनाइटेड नेशन की नीतियों का भी हवाला दिया, जिसमें कहा जाता है कि कोई भी पड़ोसी मुल्क शरणार्थियों की रिस्पेक्ट करेगा.
ममता बनर्जी ने कहा, “मैं बाग्लादेश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगी, क्योंकि वो एक दूसरा देश है. केंद्र सरकार इसपर अपनी बात रखेगी. लेकिन अगर मजबूर लोग (बांग्लादेश से) बंगाल का दरवाजा खटखटाने आएंगे, तो हम उन्हें शरण देंगे. यूएन का एक प्रस्ताव भी है. पड़ोसी शरणार्थियों की रिस्पेक्ट करेंगे.” ममता बनर्जी कोलकाता में “शहीद दिवस” के मौके पर एक रैली में यह बात कही.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैं बंगाल के उन निवासियों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन देती हूं जिनके रिश्तेदार हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में फंसे हुए हैं.” बांग्लादेश सरकार ने कोटा विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है. ढाका में मिलिट्री की पेट्रोलिंग चल रही है. अलग-अलग हिंसक घटनाओं में कम से कम 114 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
ममता बनर्जी ने कार्यक्रम में मौजूद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की भी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के प्रदर्शन के लिए सराहना की. उन्होंने कहा, “केंद्र की सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी. यह स्थिर सरकार नहीं है और जल्द ही गिर जाएगी.” तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “आपने यूपी में जो ‘खेल’ खेला, उससे बीजेपी सरकार (यूपी में) को इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन बेशर्म सरकार एजेंसियों और अन्य साधनों का दुरुपयोग करके सत्ता में बनी हुई है.”
रैली में अखिलेश यादव ने कहा, “बंगाल के लोगों ने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया, यही उत्तर प्रदेश में भी हुआ… दिल्ली में सरकार में बैठे लोग कुछ दिनों के लिए ही सत्ता में हैं.” उन्होंने कहा, ‘वो सरकार चलने वाली नहीं है, वो सरकार गिरने वाली है.’ बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को सरकारी नौकरी के आवेदकों के लिए विवादास्पद कोटा सिस्टम को खत्म करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरी मेरिट के आधार पर ही दिया जाना चाहिए.
एससी का यह फैसला प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स के लिए आंशिक जीत है, जिसमें कमोबेश 114 लोग मारे गए हैं. एक अपील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोटा को घटाकर 5% कर दिया है, और 93% नौकरियाों मेरिट यानी योग्यता के आधार पर देने का आदेश दिया है. साथ ही 2 फीसदी अल्पसंख्यकों और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया है.
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